इंटरनेट कंपनी गूगल ने यूरोपीय संघ की चेतावनी के बावजूद नई गोपनीयता नीति लागू कर दी है. यूरोपियन संघ को गूगल की गोपनीयता नीति से यूरोपीय कानून के उल्लंघन होने की चिंता है. इस बदलाव के बाद अब गूगल की किसी भी सर्विस में साइन इन या रजिस्ट्रेशन करते समय दी गई जानकारी गूगल के यूट्यूब, जीमेल, ब्लॉगर समेत अन्य गूगल सेवाओं को उप्लब्ध करा दी जाएगी.
गूगल का कहना है कि ऐसा करने से उसके सर्च ऑप्शन में और सटीक नतीजे आएंगे. लेकिन फ्रांस में ऑनलाइन सेवाओ के नियंत्रकों ने इसके कानूनी पहलू पर अनिश्चित्ता जताते हुए यूरोप भर में जांच के आदेश दे दिए.
गूगल ने अपनी अलग-अलग सेवाओं के 60 गाइड लाइनों को एक साथ मिलाकर सभी अपनी सभी साइटों के लिए एक नीति बनाई है. फ्रांस में गोपनीयता से जुडे़ मामलों की देख रेख करने वाली संस्था सीएनआईएल ने गूगल को पत्र भेजकर नई गोपनीयता नीति लागू करने पर रोक लगाने की मांग की थी. सीएनआईएल ने लिखा, “सीएनआईएल और यूरोपीय संघ के डेटा संबंधित अधिकारी जानकारियों को अलग-अलग सेवाओं में मिश्रित किए जाने को लेकर बेहद चिंतित है. उन्हें शक है कि ऐसा करना कानून के अनूरूप है कि नहीं.” नियंत्रक ने कहा कि वो मार्च के मध्य तक गूगल को पत्र भेजकर इस बदलाव पर जवाब मांगेगा.
जवाब में गूगल के ग्लोबल गोपनीयता सलाहकार पीटर फ्लेश्चर ने कहा कि उन्हें सीएनआईएल के सवालों का जवाब देने में खुशी होगी. पीटर फ्लेश्चर ने अपने ब्लॉग में कहा, “जैसा कि हमने पहले भी कहा है, हमारी गोपनीयता नीति एक मार्च के बदलेगी और गोपनीयता पर हमारे आदर्श हमेशा की तरह मजबूत रहेंगे.” हालांकि गूगल ने नियंत्रक के उस आग्रह को ठुकरा दिया जिसमे इस फैसले को रोकने की मांग की गई थी.
उपयोगकर्ताओ की पसंद के मुताबिक विज्ञापनें की बिक्री इसी बात निर्भर है कि वो यूजर्स से जुड़ी जानकारियां कितने सटीक तरीके से रिकार्ड करती है. नई गोपनीयता नीति समझौते का अनुसरण उपयोगकर्ता को तब तक करना पड़ेगा जब तक वो गूगल की सेवाओं का प्रयोग करते है. गूगल की सभी साइटों पर यूजर्स गतिविधियां एक दूसरे से जुड़ी रहेंगी.नीतिगत बदलाव की तैयारी में गूगल ने संदेशों के जरिए अपने यूजर्स को अपनी योजना के बारे में बताया.
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