भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने बिहार में विक्रमशिला विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों के संरक्षण तथा इसके आस-पास के इलाकों की खुदाई अप्रैल में कराने की योजना बनाई है। विभाग के पटना परिक्षेत्र के अधीक्षण पुरातत्वविद् संजय के. मंजुल ने कहा कि इस प्राचीन विश्वविद्यालय के संरक्षण का कार्य अगले महीने शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "विभाग ने उस 116 एकड़ भूमि की खुदाई का फैसला लिया है जिसकी खुदाई पहले नहीं हुई थी।"
मंजुल ने कहा कि इन कार्यो से बिहार सरकार को विक्रमशिला के खंडहर को नालंदा विश्वविद्यालय की तरह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। यह स्थल राजधानी पटना से लगभग 90 किलोमीटर की दूर है। पुरातत्व विभाग ने खुदाई में निकले भग्नावशेषों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय संस्कृति निधि (एनसीएफ) तथा नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) से प्रारंभिक तौर पर दो करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता ली है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, "मुख्य स्तूप के पास प्रकोष्ठों या अध्ययन कक्षों की तरह बने 208 ढांचों का तथा खुदाई में निकले ढांचे के एक बड़े हिस्से का संरक्षण किया जाएगा।"
उल्लेखनीय है कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना पाल वंशीय सम्राट धर्मपाल ने आठवीं शताब्दी के अंत या नौवीं शताब्दी की शुरुआत में की थी। यहां पाल वंश का शासन ईसा पूर्व 750 से 1174 तक रहा था।
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