चीन ने भारत के साथ लगी अपनी सीमा के पास छिंगहाई-तिब्बत पठार के ऊंचाई वाले इलाके में एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया है, जिसमें उसने पहली बार मल्टिपरपज लड़ाकू विमान जे-10 का परीक्षण किया। चीनी मीडिया ने इस अभ्यास की खबर और तस्वीरें छापी हैं। रक्षा विशेषज्ञ इसे भारत के लिए चीन की चेतावनी के रूप में देख रहे हैं।
पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वायु सेना ने छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पहली बार जमीनी हमलों का प्रशिक्षण लिया। पीएलए डेली द्वारा जारी एक रिपोर्ट और चित्रों के मुताबिक जे-10 रेजीमेंट ने 3,500 मीटर ऊंचे पठार पर शून्य से 20 डिग्री नीचे के तापमान में विमानों में ईंधन भरा और उनमें गोला बारूद लादा। इन लड़ाकू विमानों ने तेजी से उड़ान भरी और परंपरागत तथा लेजर निर्देशित बमों के जरिये विभिन्न टारगेट को निशाना बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक इन विमानों ने दिन के साथ-साथ रात के अंधेरे में भी उड़ानें भरीं। ऐसा दूसरी बार है जब मीडिया ने चीन द्वारा निर्मित जे-10 लड़ाकू विमानों को लेजर निर्देशित बमों का इस्तेमाल करते तस्वीर जारी की है। इस अभ्यास को एक और आधिकारिक न्यूज पेपर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है।
इस अभ्यास के बारे में समाचार प्रकाशित किया जाना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे भारतीय पक्ष को एक संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अपने सीमाई क्षेत्रों में अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तैनात कर रहा है। चीन ने जे-10 विमान पाकिस्तान को भी दिया है और इस विमान को पिछले साल तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में पीएलए द्वारा आयोजित किए गए अभ्यास में शामिल किया गया था। जे-10 विमान का प्रारंभ में डिजाइन हवाई क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए किया गया था। यह हवाई युद्ध में माहिर है, लेकिन आधुनिक सेंसर और जमीन पर हमला करने वाले गोला बारूद के साथ जमीनी हमले में भी अच्छा कर सकता है।
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