पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे ऐतिहासिक होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ रही है, जबकि पंजाब में 46 साल में पहली बार सत्तारूढ़ गठबंधन की वापसी होने जा रही है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए मिला-जुला नतीजा आया है। पार्टी को सीटों के मामले में तो थोड़ी बढ़त मिली है, लेकिन पार्टी के गढ़ अमेठी में कांग्रेसी प्रत्याशी अमिता सिंह और सलमान खुर्शीद की पत्नी की हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका लेकर आई।
उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों के रुझान मिल गए हैं। समाजवादी पार्टी 207 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 19 सीटों पर आगे चल रही है। सपा को पिछले चुनावों में 107 सीटें मिली थीं। पार्टी की शानदार उपलब्धि के बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष और मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया है कि मायावती की मूर्तियों को नहीं छुआ जाएगा लेकिन पार्क में जहां भी अतिरिक्त जगह है, वहां अस्पताल वगैरह बनाया जा सकता है।
सत्ताधारी बसपा को 124 सीटों का भारी नुकसान होता दिख रहा है। पार्टी 50 सीटों पर जीत के साथ 31 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। भाजपा 4 सीटों के नुकसान के साथ 17 सीटों पर आगे है जबकि 30 पर जीत दर्ज कर चुकी है। कांग्रेस गठबंधन को 7 सीटों का फायदा होता दिख रहा है। पार्टी 27 पर जीत गई है और 12 पर आगे चल रही है। 12 सीटें अन्य पार्टियों को जाती दिख रही हैं।
समाजवादी पार्टी में जश्न है, लेकिन मायावती के खेमे में सन्नाटा है। उन्हें हर बार की तरह इस बार भी एक्जिट पोल के आंकड़ों में उलट पुलट होने की पूरी आस थी।
पंजाब में अकाली दल ने 46 साल बाद दोबारा सत्ता पर कब्जा करके इतिहास बना दिया है। पंजाब में लगभग सभी सीटों के नतीजे आ गए हैं। अकाली दल गठबंधन ने कुल 67 सीटों पर जीत दर्ज की है और 1 पर आगे चल रही है। इस तरह पार्टी की सरकार बननी तय है । कांग्रेस ने 46 सीटों पर जीत के साथ दो सीटों का फायदा दर्ज किया है। पंजाब में तीन सीटें अन्य दलों के खाते में गईं हैं।
सबसे कांटे की टक्कर इस बार उत्तराखंड में देखी जा रही है। अब तक प्राप्त नतीजों और रुझानों के मुताबिक भाजपा ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की है और 3 पर आगे चल रही है। पार्टी को पिछले चुनावों के मुकाबले कुल 2 सीटों का नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने अब तक 27 सीटें जीत ली हैं और 5 सीटों पर आगे चल रही है। बसपा 3 सीटें जीत चुकी है।
इस तरह कांग्रेस को पिछले चुनावों के मुकाबले अब तक कुल 9 सीटों का फायदा होता दिख रहा है। बसपा को इस बार उत्तराखंड में भी पांच सीटों का नुकसान हुआ है और पार्टी सिर्फ तीन सीटें ही जीत सकी है। अन्य दलों ने भी तीन सीटें जीत ली हैं और एक पर आगे चल रहे हैं। यदि उत्तराखंड में रुझान नतीजों में बदलते हैं तो फिर से भाजपा की सरकार आनी तय है।
गोवा में अभी 16 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें तीन पर कांग्रेस और 9 पर भाजपा ने बढ़त बनाई है। वहीं मणिपुर में 60 में से 30 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें 21 पर कांग्रेस आगे है। चुनावों का पहला नतीजा भी मणिपुर से आया है। यहां तिपईमुखा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी को एक हजार वोटों से हराया है।
नतीजों के बाद बजट सत्र में नए सियासी समीकरण बनने की उम्मीद जाहिर की जा रही है। अगर भाजपा बढ़त बना पाती है तो उसके संसद में विपक्षी कुनबा ज्यादा मजबूत होगा। नए फ्रंट बन सकते हैं। कांग्रेस बढ़त में रही तो यूपीए का कुनबा मजबूत होगा। कांग्रेस और सपा नजदीक आए तो कांग्रेस की ममता पर निर्भरता कम होगी।
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