पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर अपनी मारक क्षमता में वृद्धि करते हुए सेना ने रविवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की दूसरी इकाई को अपने पश्चिमी क्षेत्र में शामिल किया। सेना ने इकाई की सामरिक क्षमता प्रमाणित करने के लिए 290 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, "सेना की इकाई ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। मिसाइल ने राजस्थान के गोलीबारी क्षेत्र में पूर्वचयनित लक्ष्य को भेद दिया।"
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस वर्जन 2 के सफल परीक्षण के दौरान मिसाइल के धमाके से पाकिस्तानी सीमा के नजदीक का इलाका थार दहल उठा। तेज धमाके के साथ इस मिसाइल ने कुछ पलों में ही टारगेट भेद दिया। तेज धमाके के साथ मिसाइल के टारगेट भेदने के साथ ही वहां घास में चिंगारी से आग लग गई। कुछ पल में वहां आग फैलने पर पुलिस को सूचना दी गई। इस पर नाचना थानाधिकारी ने मौके पर पहुंच दमकल की मदद से आग बुझाई गई।
ब्रह्मोस धरातल से कम से कम 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए सतह के लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता रखती है। यह 2.8 मैक की गति अथवा तीन गुना ध्वनि की गति तक पहुंच सकती है। उल्लेखनीय है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस ने संयुक्त उपक्रम के तहत ब्रह्मोस मिसाइल का विकास किया है। इस मिसाइल का नामकरण दो नदियों ब्रह्मपुत्र और मॉस्क्वा के नाम पर हुआ है।
पाकिस्तान ने अपनी एक तिहाई सेना अलकायदा के आतंकवादियों से लडऩे के लिए अफगान सीमा पर लगा रखी है। भारतीय सेना का ध्यान बंटाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने एक रणनीति के तहत रेगिस्तानी इलाके में मिसाइल हत्फ का परीक्षण किया था। बीते दिनों पाक मीडिया में इस तरह की खबरें प्रकाशित हुई थीं कि भारतीय शहरों को अपने निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तान परमाणु शस्त्र वहन करने में सक्षम 24 मिसाइल सेना में शामिल कर रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की इन गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण कर यह संकेत देना चाहती है कि वह हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। गौरतलब है कि रेगिस्तान में कभी जंग होने की स्थिति में युद्धक टैंकों और मिसाइलों की अहम भूमिका होगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें