आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए अमेरिका सेना के विशेष दस्ते भारत सहित पांच दक्षिण एशियाई देशों में तैनात हैं। यह खुलासा किया है पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर रॉबर्ट विलार्ड ने। उनके मुताबिक, यूएस पैसिफिक कमांड ने खासकर समुद्री सुरक्षा के लिए इन दस्तों को तैनात किया है। गौरतलब है कि भारतीय सरजमीं पर अमेरिकी दस्ते की तैनाती के बारे में यहां की सरकार की ओर से कभी जानकारी नहीं दी गई।
विलार्ड ने कांग्रेस की एक बैठक में भारत के साथ आतंकवाद से निपटने के मुद्दों पर सहयोग के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा , ' वर्तमान में स्पेशल फोर्स के दस्ते नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और भारत में मौजूद हैं। ' उन्होंने कहा, ' हम आतंकवाद के मोर्चे पर भारत के साथ मिल कर काम कर रहे हैं, खासकर समुद्री क्षेत्र में। दोनों देशों की अन्य एजेंसियां भी अंदरूनी आतंकवाद निरोधक उपायों और विद्रोहियों से मिल रही चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे की सहायता कर रही हैं। '
विलार्ड ने कहा ,' पाकिस्तान का लश्कर-ए-तैयबा एक बहुत ही खतरनाक संगठन है। उसने कई तरह से खुद को मजबूत किया हुआ है। वह एक बड़ा खतरा बना है और इससे निपटने के लिए हम इन देशों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। ' पीएसीओएम के कमांडर विलार्ड कांग्रेस सदस्य जो विल्सन के उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पूछा था कि लश्कर के खतरे से निपटने के लिए अमेरिकी सेना क्या कर रहीं है। विलार्ड ने बयान में कहा कि अमेरिका और भारत लश्कर के खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा , ' भारत में मुंबई में हुए भीषण हमलों सहित अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर का मुख्यालय पाकिस्तान में है, उसके अल कायदा और अन्य आतंकी संगठनों के साथ संबंध हैं, वह अफगानिस्तान में आतंकी अभियान चला रहा है और एशिया, यूरोप तथा उत्तर अमेरिका के खिलाफ हिंसा फैलाना चाहता है। '
विलार्ड ने कहा, ' दक्षिण एशिया अमेरिका के लिए रणनीतिक महत्व का क्षेत्र है। ऊर्जा से लेकर अन्य व्यापार के चलते दक्षिण एशिया की सुरक्षा यूएस पीएसीओएम के मिशन के लिए अहम है। दक्षिण एशिया में हमारे लिए कई चुनौतियां हैं। इसमें परमाणु ताकत संपन्न देशों-भारत और पाकिस्तान की अनबन, लश्कर जैसे कई आतंकी संगठन, समुद्री डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी, सीमा विवाद और घुसपैठ की गतिविधियां शामिल हैं। '
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