भारती समूह के प्रमुख सुनील मित्तल ने कहा है कि यदि कंपनियों को आवंटित स्पेक्ट्रम के लिए अतिरिक्त शुल्क राशि मांगी जाती है तो मोबाइल कॉल दरें बढ़ सकती हैं। भारत में कॉल दरें अफ्रीका से भी सस्ती हैं। उन्होंने यहां मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में कहा कि हम कम कीमत पर सेवा मुहैया कराने का समर्थन करेंगे, लेकिन यह उद्योग के लिए व्यावहारिक होना चाहिए। और इसे संतुलित भी होना चाहिए।
मित्तल नेकहा कि भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए फिलहाल मुश्किल दौर है।यह सामाजिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण जरिया है और इसके संतुलित विकास की जरूरत है। यदि यह कारोबार बंद हो जाता है तो ऐसे में किसे फायदा होगा।
पिछले दिनों पहले से आवंटित स्पेक्ट्रम पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की बहस चल पड़ी है। पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने नई दूरसंचार कंपनियों को आवंटित 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए और सरकार से स्पेक्ट्रम जैसे प्राकृतिक संसाधन के आवंटन के लिये नीलामी का रास्ता अपनाने को कहा।
भारत में दूरसंचार शुल्क सबसे कम है, यहां तक कि अफ्रीका से भी कम है। मित्तल ने कहा कि भारत में शुल्क की स्थिति विश्व में सबसे अच्छी है। अफ्रीका में भी सात सेंट प्रति मिनट का शुल्क है, जो 3.5 रुपए प्रति मिनट के बराबर है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें