किस करवट बैठेगा बहुगुणा का विजयरथ
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल कांग्रेस के दिग्गज बहुगुणा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में सत्ता की कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं, लेकिन 11वें मंत्री को लेकर छाया कोहरा अभी भी नहीं छट पाया है। बहुगुणा सरकार की दूसरी कैबिनेट बैठक शुक्रवार को होनी है, लेकिन इस बैठक में भी 11वें मंत्री की मौजूदगी अधूरी रहेगी। वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियां कांग्रेस के भीतर बेहद गंभीर बनी हुई हैं। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को छहः माह के भीतर राज्य की किसी एक विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचना है और इस सीट का निर्णय विजय बहुगुणा अपनी टिहरी लोकसभा की किसी एक विधानसभा से लड़ने की बात कह चुके हैं, लेकिन वह किसी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे इस पर अभी निर्णय नहीं हो पाया है।
मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल रहे हरक सिंह रावत अभी तक मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाए हैं, लेकिन राजनैतिक विश्लेषक मानकर चल रहे हैं कि बहुगुणा सरकार में अन्य मंत्रियों की तरह हरक सिंह रावत को भी मंत्री पद की शपथ दिलाने के साथ-साथ भारी भरकम महकमें सौपंे जाएंगे। सोनिया गाध्ंाी से मुलाकात के बाद हरक सिंह रावत मीडिया में आए अपने बयानों को लेकर स्पीष्टिकरण दे चुके हैं और उनका साफ कहना है कि उन्होंने कभी मंत्री पद जुते की नोक पर रखने की बात नहीं कही। और हमेशा से ही हाईकमान के आदेश को मानने को काम किया है। उनके इस कथन के बाद माना जा रहा है हाईकमान के आदेश पर अब वह मंत्री पद की शपथ लेंगे और 11वें मंत्री के रूप में बहुगुणा सरकार की पारी को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर सभी दावेदार मंत्रियों की कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं और ऐसे कई नेता जो लालबत्ती की कतार में खड़े हैं, इन मंत्रियों के दरवाजों पर दस्तक देने के साथ-साथ अपने-अपने पक्ष में लॉबिंग करने में जुट गए हैं। राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में इस बात की भी हवा राजनीति के गलियारों में दौड़नी शुरू हो गई है कि प्रदेश से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चौधरी विरेन्द्र सिंह का पत्ता साफ होने के बाद विजय बहुगुणा भी सीएम पद पर सरेंडर कर सकते हैं।
इसके पीछे मुख्यमंत्री का अभी तक विधानसभा सीट फाईनल न कर पाना भी सामने आ रहा है। क्योंकि सोनिया दरबार में विजय बहुगुणा ने यह कहकर सीएम पद पर हरी झण्डी ली थी कि वह निर्दलीयों के साथ-साथ भाजपा के एक विधायक से सीट खाली कराकर वहां से चुनाव लडेंगे। लेकिन भाजपा विधायक से सीट खाली कराने को लेकर बहुगुणा के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री हरीश रावत इसे कांग्रेस के लिए उचित नहीं मान रहे, उनका साफ मानना है कि भाजपा विधायक से सीट खाली कराने के बाद प्रदेश में स्वच्छ राजनीति शुरू नहीं रह पाएगी और यदि इसके बजाय किसी अन्य से सीट खाली कराई जाए तो यह ज्यादा मुफीद साबित होगा। कांग्रेस उत्तराखण्ड में सीएम विजय बहुगुणा के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर अपनी रणनीति में जुटी हुई है और माना जा रहा है भाजपा का विधायक यदि सीट खाली नहीं करता तो निर्दलीय विधायक के साथ-साथ कांग्रेस के किसी विधायक से जो टिहरी लोकसभा क्षेत्र में आता है उस पर दांव आजमाया जाएगा। वहां से भाजपा खण्डूडी पर दांव खेलने की तैयारी में भी जुटी हुई है और एक बार फिर भाजपा को यह आस है कि खण्डूडी बहुगुणा को हराकर उत्तराखण्ड में जरूरी बन जाएंगे। राजनीति के गलियारों में यह चर्चा भी तेजी से दौड़ रही है कि विजय बहुगुणा छहः महीने के अंदर ही चारों खाने चित्त होने के बाद उत्तराखण्ड में भाजपा को सरकार बनाने में मदद करेंगे। क्योंकि बहुगुणा की हार के बाद यदि खण्डूडी बहुगुणा के सामने चुनाव लड़ते हैं तो खण्डूडी की जीत भाजपा को सरकार बनाने में ज्यादा मददगार साबित होगी। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड की राजनीति में अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान के दरबार से होना तय है।
(राजेन्द्र जोशी)
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