भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में बाबा रामदेव के साथ गठबंधन करने के एक महीने बाद ही टीम अन्ना उनसे नाराज हो गई है। टीम अन्ना रामदेव से आगे की रणनीति की घोषणा करते वक्त 'खुद को ही सब कुछ दिखाने' और अन्ना हजारे को 'भरोसे' में न लेने के कारण नाराज है। अन्ना हजारे ने रामदेव से गुड़गांव में शुक्रवार को मुलाकात की थी। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हुई थी, जिसके बारे में टीम अन्ना का दावा है कि उसे इसके बारे में पता नहीं था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव और अन्ना हजारे ने 1 मई से आंदोलन की शुरुआत की घोषणा की, जिसके बाद जंतर-मंतर पर 2 जून से अनशन भी किया जाना है। 1 मई को अन्ना शिर्डी से आंदोलन शुरू करेंगे, जबकि रामदेव छत्तीसगढ़ के दुर्ग से एक यात्रा शुरू करेंगे। सूत्रों के मुताबिक टीम अन्ना ने इस बात पर अपनी नाराजगी जता दी है कि बाबा रामदेव ने आगे की रणनीति बताने के लिए अन्ना हजारे को बिना भरोसे में लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। टीम अन्ना में कुछ लोगों को रामदेव को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल करने पर भी आपत्ति है क्योंकि रामदेव पर भी पतंजलि योगपीठ समेत कई संस्थानों को लेकर कई आरोप लगे हैं।
टीम अन्ना के सूत्रों के मुताबिक उन्हें आगे की रणनीति के खुलासे से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा, 'अगर अन्ना ने आंदोलन करने का फैसला किया होता तो इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती। लेकिन मामला यह है कि बाबा रामदेव खुद को ही सब कुछ दिखाना चाहते हैं और उन्होंने अन्ना को भी भरोसे में नहीं लिया।' टीम अन्ना के एक मेंबर ने कहा, 'उन्होंने मुद्दों पर बात करने के लिए मुलाकात की थी। लेकिन मीटिंग के बाद उनको जबरदस्ती मीडिया के सामने लाया गया। हमें इस पर गहरी आपत्ति है।'
रामदेव के प्रवक्ता सीके तिजरीवाला इस पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए। टीम अन्ना की कोर कमिटी की मीटिंग रविवार को नोएडा में होगी, जिसमें भविष्य के कार्यक्रम तय किए जाएंगे। रामदेव का मुद्दा भी इस मीटिंग में उठ सकता है। इस मीटिंग में अन्ना समेत कई अहम मेंबर शामिल होंगे।
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