ओड़िशा के बीजद विधायक झीना हिकाका का अपहरण करने वाले माओवादियों की निर्धारित समयसीमा बुधवार शाम पांच बजे समाप्त होने के बाद प्रदेश सरकार ने आज अपहर्ताओं की मांग स्वीकार करने की घोषणा की है।
गृह सचिव ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप 13 लोगों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय किया गया है। इन 13 लोगों में पांच माओवादी शामिल हैं। इससे पूर्व, समयसीमा समाप्त होने के बाद माओवादियों ने कहा कि विधायक के बारे में फैसला अब जनता की अदालत में होगा क्योंकि उन्हें ओड़िशा सरकार में विश्वास नहीं है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) आंध्र ओड़िशा बार्डर स्पेशल जोनल कमेटी (एओबीएसजेडसी) के एक नेता ने एक संदेश में कहा कि लक्ष्मीपुर से आदिवासी विधायक 37 वर्षीय हिकाका के बारे में फैसला अब प्रजा अदालत में किया जाएगा। माओवादियों ने अपने संदेश में कहा कि उनका राज्य सरकार में कोई विश्वास नहीं है। इसमें दावा किया गया कि सरकार जेल में बंद नक्सलियों को रिहा करके विधायक की रिहायी कराने को लेकर गंभीर नहीं है। संदेश में कहा गया है कि समयसीमा पूर्व में चार बार बढ़ाई जा चुकी है और अब इसे और नहीं बढ़ाया जाएगा।
माओवादियों और उनके मोर्चे चासी मुलिया आदिवासी संघ (सीएमएएस) के मुकदमे लड़ने वाले कोरापुट के वकील निहार रंजन पटनायक ने कहा कि प्रजा अदालत का आयोजन संभवत: कल किया जाएगा और उसके आयोजन स्थल एवं समय के बारे में निर्णय बाद में किया जाएगा।
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