अजमेरशरीफ के ख्वाजा मुइद्दीन चिश्ती की दरगाह में 12 अक्टूबर 2007 को हुए बम ब्लास्ट के किंगपिन और 10 लाख के इनामी संदीप डांगे उर्फ परमानंद और रामचंद्र कलसांग्रा उर्फ रामजी उर्फ विष्णु पटेल की टोह लेने बुधवार को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) के अधिकारी धनबाद पहुंचे। धनबाद डीटीओ ऑफिस पहुंचकर अधिकारी ने बम ब्लास्ट में प्रयुक्त हुए उस सिमकार्ड से जुड़े दस्तावेजों की जांच पड़ताल की।
छानबीन में एनआइए को जानकारी मिली है कि बम ब्लास्ट में जिस सिमकार्ड का प्रयोग हुआ है, वह सिमकार्ड जामताड़ा के मिहिजाम के किसी मोबाइल दुकान से जारी हुआ है। सिमकार्ड लेने के लिए धनबाद डीटीओ कार्यालय से जारी ड्राइविंग लाइसेंस का प्रयोग करने की बात सामने आ रही है। ब्लास्ट के दौरान आपसी बातचीत के लिए प्रयोग किए गए सिककार्ड का कनेक्शन भी धनबाद से जुड़ रहा है। इस मामले में किसी बबन कुमार का नाम सामने आ रहा है। बबन ने स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के आधार पर यह लाइसेंस हासिल किया था। अधिकारी करीब चार घंटे से अधिक तक डीटीओ कार्यालय में रहे। लाइसेंस से जुड़े तमाम दस्तावेज को जब्त किया गया। जांच में पता चला है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रस्तुत प्रमाणपत्र फर्जी हैं। अधिकारी ने लाइसेंस में दर्ज पते पर जाकर भी खोजबीन की। इधर डीटीओ और स्थानीय पुलिस से भी उन्होंने पूछताछ की। जांच पड़ताल के लिए एनआइए की टीच18 मार्च को भी धनबाद आई थी।
एनआइए के अधिकारी ने बबन कुमार का लर्निग लाइसेंस, चालान तथा अन्य कागजात जब्त किया है। लाइसेंस में जोड़ाफाटक, झरिया रोड धनसार का पता दर्ज है। आवेदन के साथ जन्म तिथि के लिए स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (जिला स्कूल धनबाद) को आधार बनाया गया था। इसे तनवीर आलम नोटरी पब्लिक ने सत्यापित किया है। विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र में बबन की जन्म तिथि 5.6.1979 है। बबन को 2001 में द्वितीय श्रेणी से मैट्रिक पास बताया गया है। उसकी विद्यालय में प्रवेश की तिथि 11.2.1997 अंकित है। लिविंग सर्टिफिकेट पर प्रधानाध्यापक भगवती प्रसाद का हस्ताक्षर और मुहर लगाया गया है।
एनआइए और सीबीआइ की पड़ताल में पता चला है कि ब्लास्ट की योजना धनबाद, जामाताड़ा और आसनसोल में बनाई गई थी। इस मामले में गिरफ्तार देवेंद्र गुप्ता (अजमेर), लोकेश शर्मा (इंदौर) और चंद्रशेखर बरोट (शाहजाहापुर) ने दिल्ली सीबीआई स्पेशल क्राइम ब्रांच के समक्ष इस बात का खुलासा किया है। आरोपियों ने संदीप डांगे उर्फ परमानंद और रामचंद्र कलसांग्रा उर्फ रामजी उर्फ विष्णु पटेल का नाम लिया है। ब्लास्ट के दौरान दोनों धनबाद भी आए थे। धनबाद के एक युवक ने इन्हें सिमकार्ड लेने में सहायता पहुंचाई थी।
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