गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर ब्रिटेन जाने की पाबंदी भी लग सकती है। ऐसा नए इमिग्रेशन नियमों के चलते हो सकता है। इसके तहत गैर यूरोपीय संघ सदस्य देशों के उन नागरिकों के ब्रिटेन घुसने पर पाबंदी लगाई जाएगी, जिस पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप है। संभव है इस नियम का ऐलान सोमवार को ही कर दिया जाए। अगर ऐसा हुआ तो इसकी जद में नरेंद्र मोदी भी आ सकते हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि नरेंद्र मोदी जैसे लोगों को दूर रखने के लिए ऐसे नियम बनाना जरूरी है। वे इसके लिए दबाव डालेंगे। द साउथ एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप का कहना है कि इस तरह के नियम नरेंद्र मोदी पर लागू होने ही चाहिए, क्योंकि गुजरात में हुए 'नरसंहार' में उनकी कथित भूमिका किसी से छिपी नहीं है। संगठन के प्रवक्ता अमृत विल्सन ने कहा, 'हम इस बात के पक्ष में नहीं हैं कि दूसरे देशों में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर ब्रिटेन अपनी निगरानी बढ़ाए, लेकिन अगर ऐसा नियम बनता है तो नरेंद्र मोदी पर पाबन्दी लगाने के लिए इसका इस्तेमाल जरूर होना चाहिए।'
अमेरिकी मैगजीन 'टाइम' के कवर पेज पर आ चुके मोदी को अमेरिका वीजा देने से लगातार इनकार करता रहा है। पिछले सप्ताह भी अमेरिका ने दोहराया कि नरेंद्र मोदी को लेकर उसने अपनी वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम समुदाय ने मांग की थी कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय को मोदी को वीजा जारी करने को लेकर 2005 की अपनी नीति में परिवर्तन नहीं करना चाहिए। इसके बाद अमेरिकी सांसद जो वाल्स ने सरकार को चिट्ठी लिखकर पूछा था कि मोदी को अमेरिकी वीजा जारी नहीं करने को लेकर 2005 के फैसले में बदलाव किया गया है क्या? इसके जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि वीजा मामले पर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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