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गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

सीएम ने कानून व्यवस्था, विकास समीक्षा की

  • कानून व्यवस्था पर चिंतित दिखे सीएम
  • जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने के दिए निर्देश
  • निर्धारित समय में किए जाएं जनता से जुड़े कार्य: बहुगुणा


मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राज्य की कानून व्यवस्था तथा राजधानी देहरादून में बढ़ते अपराधों को लेकर अपने आवास पर पुलिस अधिकारियांे की एक बैठक बुलाकर उन्हें व्यवस्था में सुधार करने तथा लोगों को भयमुक्त रहने के लिए वातावरण तैयार करने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अधिकारियों से कहा कि उनके पास लगातार खबरें आ रही है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं चल रही है, प्रदेश में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं जिसके कारण प्रदेश के लोगों को के मन में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाहीं नहीं होनी चाहिए। बैठक में राजधानी देहरादून में बढ़ते अपराधों पर मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दिन दहाड़े लूटपाट और डकैति, अपहरण जैसी घटनांए चिंता का विषय बनती जा रही हैं। 

इससे न सिर्फ पुलिस विभाग की छवि खराब हो रही है बल्कि सूबे की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी के लोग अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे तो घर के बाहर उनकी सुरक्षा की क्या गारंटी कौन लेगा। मुख्यमंत्री ने अध्किारियों को निर्देंशित करते हुए कहा कि बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए वह ठोस कदम उठाये और अगर इसके लिए किसी विशेष अभियान की जरूरत है तो वह भी चलाया जाए। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में किसी भी तरह की लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए आधुनिक करण और तकनीकी विकास की जो जरूरतें हैं उन्हें वह हर हाल में पूरा करेंगे। 

मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अधिकारियों को बिना किसी दबाव के कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन न करने वाले अधिकारियों को बख्शा नही जायेगा। भ्रष्टाचार को विकास मंे सबसे बड़ी बाधा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विभाग में विजिलेंस सेल सक्रिय किया जायेगा। कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में कानून व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में सामंजस्य की आवश्यकता पर बल देते हुए आम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यों में गतिशीलता लाने के लिए निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े कार्य निर्धारित समय अवधि में किये जाय। साथ ही अपने कार्यालयों में समय से उपस्थित रहे और अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें। अधिकारी सीधे जनता से जुड़े और उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही निदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड में आने वाले अपराधियों पर रोक लगाने के लिए राज्य की सीमाओं पर विशेष चौकसी बरती जाय। ऐसे स्थानों पर दक्ष एवं कर्मनिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जाय। उन्होंने कहा कि पुलिस को अतिरिक्त मोबाइल संचार वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य व केन्द्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की योजनाएं धरातल पर भी दिखनी चाहिए और जनता को शासन-प्रशासन में बदलाव दिखना चाहिए। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, महिला वर्गों व वृद्धजनों की समस्याओं के निदान को विशेष प्राथमिकता देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रशासन में शिथिलता को दूर करने के लिए निर्णर्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने आम आदमी से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल करने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी निर्माण कार्यों पर कड़ी नजर रखें, और सुनिश्चित करें कि कार्य में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न किया जाय। विभिन्न स्रोतों से राज्य की आय में लीकेज को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सुप्रशासन व क्षमता विकास पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने इसके लिए खनन, यातायात, बिजली और स्टॉम्प डयूटी पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने जिलाधिकारियों को शासन स्तर पर काफी समय से लंबित मामलों की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने के निर्देश दिये।

उन्होंने विकास योजनाओं में स्थानीय युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। गर्मियों में संभावित पेयजल समस्याओं वाले क्षेत्रों का जिक्र करते हुए इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। पर्वतीय दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए निजी चिकित्सा संस्थाओं के सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया जाय। जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं का अधिक अधिक से प्रचार-प्रसार किया जाय, ताकि आम आदमी इन योजनाओं का लाभ ले सके।
वर्तमान में चल रही चारधाम यात्रा को राज्य की अर्थ व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रियों को पेयजल, चिकित्सा और शौचालय आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग पर सड़कों का निरीक्षण स्वयं जाकर करने को कहा। वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहन चालकों का विभिन्न स्थानों पर एल्कोहल टेस्ट किया जाय। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कार्ययोजना तैयार कर ली जाय। उन्होंने कहा कि देश विदेश से आने वाले पर्यटकों में राज्य की अच्छी छवि जानी चाहिए।

बैठक में मुख्य सचिव सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन, प्रमुख सचिव संस्कृति विनीता कुमार, प्रमुख सचिव गृह डी.के.कोटिया, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री एस.एस.संधू, पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत, आयुक्त गढ़वाल कुणाल शर्मा, आयुक्त कुमांयू हेमलता ढौढ़ियाल सहित अपर सचिव, जनपदों के जिलाधिकारी, एसएसपी एवं पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।


(राजेन्द्र जोशी)

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