बीजू जनता दल विधायक झीना हिकाका को पूरे 33 दिन माओवादियों के कब्जे में रहने के बाद गुरुवार को मुक्ति मिली. सुबह लगभग साढ़े दस बजे हिकाका को लेकर करीब 30 स्थानीय आदिवासी नारायणपाटना इलाके के बालीपेटा गाँव पहुंचे और उन्हें उनकी पत्नी कौशल्या और कोरापुट के वकील निहार पटनायक के हाथों सौंप दिया, जो पहले से ही वहां इंतज़ार कर रहे थे.
रिहा होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में हिकाका ने कहा; "अब मैं आजाद हूँ. माओवादियों ने मुझे किसी प्रकार की यातना नहीं दी, बल्कि मेरा अच्छा ख्याल रखा."उन्हें कहाँ रखा गया था, इस बारे में उन्हों कहा; "मुझे नहीं पता." विधायक पद से इस्तीफा देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा; "इस बारे में हम बाद में बात करेंगे."
एक दिन पहले ही माओवादी प्रवक्ता अरुणा ने हिकाका की रिहाई की घोषणा करते हुए कहा था कि प्रजा कोर्ट में विधायक ने अपने इलाके में आदिवासियों पर हो रहे जुल्म रोकने में अपनी विफलता स्वीकार करते हुए विधायक पद और अपनी पार्टी यानी बीजद दोनों से इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
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