झारखण्ड में इस वर्ष 30 मार्च को घोषित राज्यसभा चुनाव रद्द किया जा चुका है और सीबीआई इस मामले की जांच कर रहा है. इस बीच कांग्रेस के एक विधायक ने सोमवार को अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसद धीरज साहू पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें वर्ष 2010 में 25 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया था. साहू ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है.
बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर दुबे ने कहा, "वर्ष 2010 के राज्यसभा चुनाव में धीरज साहू ने मुझे 25 लाख रुपये रिश्वत का प्रस्ताव दिया था." साहू ने इन आरोपों से तत्काल इंकार किया है. उन्होंने कहा, "मैं पार्टी का उम्मीदवार था. मैं अपने पक्ष में मतदान करने के लिए अपनी पार्टी के विधायक को भला घूस क्यों दूंगा."
वर्ष 2010 में राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में कांग्रेस और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार धीरज साहू और के. डी. सिंह विजयी रहे थे. आयकर विभाग के अधिकारियों ने पिछले महीने एक निर्दलीय उम्मीदवार के भाई के वाहन से 2.15 करोड़ रुपये जब्त किए थे. इसके बाद निर्वाचन आयोग ने राज्य में संसद के उच्च सदन के लिए 30 मार्च को होने वाला चुनाव रद्द कर दिया था. आशंका जताई गई थी कि जब्त राशि का इस्तेमाल चुनाव में रिश्वत के रूप में किया जाना था.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) खरीद-फरोख्त के इन आरोपों की जांच कर रही है. जांच एजेंसी ने चुनावों से पहले कथित खरीद-फरोख्त पर तीन लोगों के खिलाफ एक औपचारिक शिकायत दर्ज की. निर्वाचन आयोग ने अब राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन मई को चुनाव कराने की घोषणा की है. झारखण्ड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने 2010 और 2012 के राज्यसभा चुनाव की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
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