सिटी समूह के भारतीय मूल के अमेरिकी मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम पंडित और उसके निदेशकों पर बैंक के एक शेयरधारक ने एक वेतन पैकेज को लेकर मुकदमा कर दिया है।
शेयरधारक स्टैनली मोस्कल द्वारा मैनहट्टन में शुक्रवार को दायर एक कानूनी याचिका में कहा गया है कि पंडित और निदेशकों ने 2011 में कार्यकारियों को 5.40 करोड़ डॉलर से अधिक का वेतन प्रदान कर जिम्मेदारीपूर्ण कर्तव्यों का उल्लंघन किया है। इस वेतन में पंडित को किए गए 1.50 करोड़ डॉलर का भुगतान भी शामिल है, जो उनके 2010 के भुगतान से 1,499,999,900 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तुत करता है, वह भी एक ऐसे वर्ष में जब बैंक के शेयर मूल्य में 44 प्रतिशत की गिरावट आई।
कार्यकारियों के मुआवजे पर अनुसंधान करने वाली कम्पनी, इक्विलर के अनुसार, पिछले वर्ष सबसे अधिक मुआवजा प्राप्त करने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में पंडित (55) का नाम 45वें स्थान पर था। मंगलवार को डालास में हुई बैंक की वार्षिक बैठक में सिटी के शेयरधारकों ने इस मुद्दे पर मतदान किया है। मतदान से पहले आलोचकों ने शिकायत की कि पंडित और बैंक के अन्य शीर्ष अधिकारी ऊंचा वेतन हासिल कर रहे हैं। यह कानूनी याचिका डोड फ्रैंक सुधार अधिनियम के 'से ऑन पे' प्रावधान के तहत दायर की गई है। यह प्रावधान शेयरधारकों को कार्यकारियों के वेतन पर मतदान करने का अधिकार देता है। सिटी समूह ने कहा है कि यह याचिका निराधार है और वह इसे खारिज किए जाने के लिए याचिका दाखिल करेगा।
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