बिहार में सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना शुक्रवार से शुरू होगी। इसके लिए जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने गुरुवार को बताया कि इस जनगणना में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों की जो सूची बननी है, उसमें आश्रयविहीन परिवारों, निराश्रित भिक्षुकों, मेहतरों और आदिम जनजातियों सहित बंधुआ मजदूर परिवारों को स्वत: स्थान मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस जनगणना में पूरी तरह नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत राज्य सरकार ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का निर्णय लिया है। मिश्र ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना के लिए 189.23 करोड़ रुपये को मंजूरी दी थी। कोताही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह काम अगले छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा
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