उक्रांद (पी) कोटे से कांग्रेस सरकार की बैसाखियों का सहारा बने काबिना मंत्री सरकार में रहकर विपक्ष की भूमिका में नजर आएंगे। उनके इस बयान को राजनीति के गलियारों में बेहद चर्चा के रूप में देखा जा रहा है। वर्तमान में कांग्रे की सरकार बहुमत न होने के चलते बैसाखियों के सहारे सत्ता की कुर्सी पर विराजमान है। ऐसे में सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार का यह कहना कि वह सरकार में रहकर विपक्ष की भूमिका निभाते हुए काम करेंगे कई शंकाओं को जन्म दे रहा है। भाजपा शासनकाल में भी उत्तराखण्ड क्रांति दल सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में अपनी सहभागिता निभा चुका है, लेकिन पूरे शासनकाल में उक्रांद कोटे से मंत्री रहे दिवाकर भट्ट एक बार भी इस तरह की बयानबाजी नहीं कर पाए थे, लेकिन उक्रांद (पी) के कोटे से मंत्री बने प्रीतम सिंह पंवार के तेवर बेहद कड़े नजर आ रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस सरकार के उपर दबाव के चलते राजनैतिक समीकरण बेहद गंभीर बने हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा हर बाधा को पार करते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उक्रांद (पी) कोटे से मंत्री बने पंवार का बयान कई मायनो में चर्चा का बिंदु बन गया है। इस बयान के पीछे राजनैतिक समीकरण के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को सरकार में समायोजित कराने की तरफ भी साफ इशारा जा रहा है और विभाग में गुणवत्ता व समय पर काम पूरा न होने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बातें भी सामने आ रही है। वर्तमान कांग्रेस सरकार की पांच साल की योजनाएं भविष्य के गर्भ में कैद हैं, लेकिन कांग्रेस अपने घोषणापत्र के अनुरूप प्रदेश में विकास करने का दावा करने के साथ-साथ उस पर अमल करना भी शुरू करती हुई देखी जा रही है। राजनीति के दंगल में कांग्रेस के साथ कदमताल करना उक्रांद (पी) के लिए भी मजबूरी बना हुआ है और ऐसे में विकास के साथ-साथ सरकार के साथ कदमताल करने की जो मजबूरी सामने आ गई है उससे भी कहीं अधिक दल अपने नेताओं को सरकार में महत्वपूर्ण पद दिलवाना चाहता है।
उत्तराखण्ड में बयानबाजी के साथ दबाव की राजनीति जिस तरह से बढ़ती जा रही है। उसने इन शंकाओं को भी जन्म दे दिया है कि जिस सरकार की नींव बैसाखियों के सहारे रखी गई हो, उसे पांच साल तक चलाना कड़ी चुनौती के साथ-साथ बेहद कठिन डगर है। उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के बाद स्पष्ट जनादेश न मिलने के कारण भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक दल मंथन की स्थिति में जुटे हुए हैं और कांग्रेस भले ही सरकार बनाने में कामयाब रही हो, लेकिन कांग्रेस की प्रदेश में वर्तमान राजनैतिक स्थिति पर भी नेता सोनिया दरबार में स्पष्टीकरण दे रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चौधरी विरेन्द्र सिंह की सोनिया दरबार में लगातार बढ़ती शिकायतों के कारण बेहद किरकिरी हो गई है और हाईकमान अब प्रदेश की राजनैतिक स्थिति को लेकर आला नेताओं के साथ चिंतन की मुद्रा में नजर आ रहा है। माना जा रहा है विजय बहुगुणा के विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले ही कांग्रेस कोई बोल्ड़ फैसला प्रदेश प्रभारी पद पर ले सकती है। कुल मिलाकर सत्ता में कैबिनेट मंत्री के पद पर बैठे उक्रांद (पी) कोटे से प्रीतम सिंह पंवार का यह कहना की वह सरकार में रहकर भी विपक्ष की भूमिका निभाएंगे बेहद चर्चा का बिंदु बन गया है।
(राजेन्द्र जोशी)
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