एन डी तिवारी को खून के नमूना देने के आदेश. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

एन डी तिवारी को खून के नमूना देने के आदेश.


दिल्ली हाई कोर्ट ने पितृत्व से जुड़े विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी को डीएनए टेस्ट के लिए अपने खून का नमूना देने का आदेश दिया है. अदालत ने इससे पहले दिए गए एकल जज वाली बेंच के इस फैसले को पलट दिया है कि तिवारी को खून की जांच के लिए नमूना देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. 

कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने कहा कि अगर वो अब भी डीएनए टेस्ट के लिए खून का नमूना देने से इनकार करते हैं तो इस काम में पुलिस की मदद ली जा सकती है. यह मामला रोहित शेखर नाम के एक युवक से जुड़ा है जो तिवारी को अपना पिता बताते हैं. शेखर का कहना है कि तिवारी के उनकी मां उज्ज्वला शर्मा के साथ गहरे ताल्लुकात थे और उन्होंने उनकी मां से शादी करने का वादा किया था जिससे वो बाद में मुकर गए.

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रोहित शेखर के दावों को गलत बताते रहे हैं. शेखर ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर राहत जताते हुए कहा है कि अदालत पहले ही कह चुकी है कि इस मामले में डीएनए जांच से ही इंसाफ किया जा सकता है. लेकिन इस पर एक साल से अमल नहीं हो रहा था. पिछले साल 23 सितंबर को जस्टिस गीता मित्तल ने फैसला दिया था कि ''दिसंबर 2010 के हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक तिवारी को खून का नमूना देने के लिए शारीरिक रूप से मजबूर नहीं किया जा सकता है और न ही इसके लिए उन्हें कैद किया जा सकता है۔'' हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस फैसले को पलट दिया. 

कोई टिप्पणी नहीं: