मुख्यमंत्री की सेवा यात्रा का विरोध. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 23 अप्रैल 2012

मुख्यमंत्री की सेवा यात्रा का विरोध.


बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सेवा यात्रा कार्यक्रम को ढकोसला करार देते हुए लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने आज कहा कि सरकारी खर्च पर की जा रही यात्रा से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है।

लोजपा कार्यालय में पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां भी जा रहे हैं उनकी सेवा यात्रा का मुखर विरोध हो रहा है। लोगों से किये गये वायदे पूरे नहीं हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर सरकारी खर्च से हो रही इस यात्रा से लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

20 अप्रैल से पूर्वी चंपारण में चल रही सेवा यात्रा का उल्लेख करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों से किये गये वायदे पूरे नहीं हुए हैं, जो घोषणाएं की गयी वह पूरे नहीं हो रहे हैं। नीतीश की सेवा यात्रा विदाई यात्रा साबित होगी। पासवान ने कहा कि सरकारी पैसे से की जा रही सेवा यात्रा में केवल एक जिले में 5,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। जनता का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। यह सुरक्षा खर्च राजा महाराजाओं के खर्च की तरह है। 

 पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार राज्य के तानाशाह साबित हो रहे हैं। प्रोपेगेंडा में वह हिटलर के गोएबल्स को पीछे कर दे रहे हैं। पूर्वी चंपारण में मुखिया संघ, प्रमुख संघ, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने विरोध कर जता दिया कि उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है। आम जनता को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया जा रहा है। केवल भाजपा और जदयू के लोगों को मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया जा रहा है। राज्य में शिक्षा का बुरा हाल है। शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बना दिया गया है और लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में लंबित डीसी बिल, गबन, चोरी आदि के 82 हजार करोड़ की अनियमितता के मामले में मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हैं। इसका अर्थ है दाल में काला है। नीतीश सरकार को बर्खास्त करने, राज्य में वित्तीय आपात लागू करने और सीएजी की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर लोजपा 30 अप्रैल से हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी। एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन को राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।  

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