तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि ने कहा है कि श्रीलंका में तमिलों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और एक अलग राष्ट्र किसी न किसी दिन जरूर बनेगा.
करुणानिधि ने कहा है- एक अलग तमिल ईलम दुनिया भर के तमिलों के कान में एक आजादी के गीत की तरह बजता है. श्रीलंका में तमिलों ने जो खून बहाया है और अपने जीवन का बलिदान दिया है, वो व्यर्थ नहीं जाएगा. कल नहीं तो किसी न किसी दिन तमिल ईलम अस्तित्व में जरूर आएगा.
संयुक्त राष्ट्र की अगुआई में एक जनमतसंग्रह की बात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी तिमोर और दक्षिणी सूडान अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से इसी तरह की पहल के बाद अस्तित्व में आए हैं.करुणानिधि ने वर्ष 1983 के द्रमुक के प्रस्ताव का हवाला दिया, जिसमें तमिलों के लिए अलग राष्ट्र की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि श्रीलंका में जिस तरह जनसंहार हुआ है, उस कारण तमिलों का बहुसंख्यक सिंहला समुदाय के साथ रहना असंभव है.17 अप्रैल को ही करुणानिधि ने श्रीलंका में अलग तमिल ईलम पर जनमतसंग्रह कराने का समर्थन किया था और कहा कि भारत इस मामले में अहम भूमिका निभाए.
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