एनआरएचएम घोटाले के आरोपी उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के पूर्व प्रबंधन निदेशक अभय कुमार वाजपेयी को अंतरिम जमानत मिल गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक डा.एसपी राम की जमानत याचिका बृहस्पतिवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश डा.एके सिंह की अदालत ने खारिज कर दी.
डा.राम की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत अर्जी पर बृहस्पतिवार तक फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने कहा कि चूंकि डा.राम सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने से पहले शासन की अनुमति लेना जरूरी नहीं है.
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के धन के उपयोग में कथित अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के पूर्व प्रबंधन निदेशक अभय कुमार वाजपेयी को अंतरिम जमानत दे दी. विशेष सीबीआई न्यायाधीश एके सिंह ने बुधवार को वाजपेयी को जमानत दी. उन्हें छह जनवरी को सीबीआई ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि यहां डासना जेल से रिहा होने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि वह एनआरएचएम घोटाले से जुड़े तीन अन्य मामलों में आरोपी हैं. वाजपेयी के खिलाफ चार मामलों में तीन मामले नयी दिल्ली में दर्ज किए गए हैं जबकि एक लखनऊ में है. उन्हें केवल एक मामले में अंतरिम जमानत मिली है.एनआरएचएम घोटाले में किसी आरोपी को यह पहली बार जमानत मिली है. प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोप में पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और अन्य लोगों पर काले धन का उपयोग रोकने संबंधी कानून के तहत चौदह अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.
सीबीआई ने अपनी सूचना रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रधान सचिव प्रदीप शुक्ला सहित कई भूतपूर्व अधिकारियों और व्यक्तियों के नाम लिए हैं. एजेंसी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत आवंटित दस हजार करोड़ रूपये के उपयोग के वित्तीय रिकॉर्ड जांचने के बाद ये मामले दर्ज किए हैं.
सीबीआई अब तक अलग-अलग तीन आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इनमें से दो गाजियाबाद, जबकि एक अन्य लखनऊ स्थित सीबीआई विशेष अदालत में दाखिल किया गया है. इन आरोप पत्रों में 15 लोगों को शामिल किया गया है. आरोप पत्रों में राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. एसपी राम, राज्य लघु औद्योगिक निगम के तत्कालीन प्रर्वतन निदेशक अभय कुमार वाजपयी, जल निगम के पांच वरिष्ठ अधिकारी सार्वजनिक उपक्रम इरकोन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के अलावा दवाओं और उपकरणों के आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. प्रर्वतन निदेशालय ने भी आरोपियों के खिलाफ अलग से मुकदमा पंजीकृत है.
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