नॉर्वे की एक अदालत ने भारतीय दंपति अनुरूप और सागरिका को बच्चे भारत ले जाने का आदेश दे दिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि नॉर्वे में जिस दंपति के पास फिलहाल बच्चे रह रहे हैं, उन्हीं के साथ बच्चे भारत लौटेंगे। माना जा रहा है कि ये दोनों बच्चे मंगलवार की सुबह दिल्ली पहुंचेंगे। फिर दिल्ली से अपने घर कोलकाता भेजे जाएंगे।
तीन साल का अभिज्ञान और एक साल की ऐश्वर्या पिछले साल मई महीनों से नॉर्वे सरकार की चाइल्डकेयर एजेंसी के पास है। नॉर्वे सरकार ने बच्चों के माता-पिता सागारिका और अऩुरूप पर उनकी सही देखभाल नहीं करने का आरोप लगाते हुए बच्चों की कस्टडी छीन ली थी। बाद में भारत सरकार के दखल पर नॉर्वे सरकार बच्चों की जिम्मेदारी उनके चाचा अरुणभास को सौंपने पर राजी हुई थी, लेकिन बच्चों के मां-बाप के अलग होने की खबरों की वजहों से पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फैसला टाल दिया था। बाद में अनुरूप और सागरिका ने एक-दूसरे से अलग होने की खबरों का खंडन किया था।
पिछले महीने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में न्यूक्लियर समिट के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नॉर्वे के प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को उठाया था। भारत ने नॉर्वे सरकार से हमेशा यही कहा कि कानून के दायरे में रहकर ही बच्चों पर फैसला होना चाहिए, लेकिन साथ ही भारत का रुख भी हमेशा से साफ था कि बच्चों को भारत भेजने की जरूरत है।
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