लखनऊ में राज्य कला अकादमी में प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वो मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं है. हमारी समाजवादी पार्टी की भी यही राय है.
गौरतलब है कि राज्य के लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन. के. मेहरोत्रा ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें वजीर-ए-आला और ग्राम प्रधानों को भी लोकायुक्त की कार्रवाई के दायरे में लाने का सुझाव दिया गया है.
मेहरोत्रा ने कहा था कि कर्नाटक, केरल तथा मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में मुख्यमंत्री को लोकायुक्त कार्रवाई के दायरे में रखा गया है.मुख्यमंत्री के मुखर विरोध के बाद अब लोकायुक्त के सुझावों को माने जाने की सम्भावनाएं क्षीण हो गयी हैं. अखिलेश ने सपा की ओर से राष्ट्रपति पद के सम्भावित उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सपा का केन्द्रीय नेतृत्व ही अगले राष्ट्रपति को लेकर कोई निर्णय लेगा.
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