नौ सैनिकों की रिहाई के लिए याचिका दायर. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

नौ सैनिकों की रिहाई के लिए याचिका दायर.


इटली ने केरल में दो भारतीय मछुआरों की कथित रूप से हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अपने दो नौ-सैनिकों को कब्जे में लेने के लिए शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। दोनों नौ सैनिकों ने जिस समय दोनों मछुआरों की भूलवश हत्या की थी, उस समय वे मालवाहक जहाज एम.वी. एनरिका लेक्सी पर तैनात थे।

 इटली की सरकार ने नई दिल्ली स्थित अपने राजदूत के जरिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में आग्रह किया है कि भारत सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह दोनों नौ सैनिकों- चीफ मास्टर सर्जेट मैसिमिलानो लैटोरे और सर्जेट सेल्वाटोरे -को इटली सरकार को सौंप दे। 

याचिका में कहा गया है कि केरल पुलिस द्वारा दोनों नौ सैनिकों को लगातार हिरासत में रखा जाना अवैध है, क्योंकि यह सम्प्रभु छूट के सिद्धांतों का उल्लंघन है और साथ ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 का भी उल्लंघन है। दोनों नौ सैनिकों ने भारतीय मछुआरों -अजेश बिंकी (25) और जेलास्टिन (45) को भूलवश समुद्री डाकू समझ लिया था और 15 फरवरी को केरल के अलप्पुझा तट से लगे समुद्र में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इटली के ये दोनों नौ सैनिक 20 फरवरी से ही न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल वे तिरुवनंतपुरम केंद्रीय कारागार में कैद हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: