मुंबई हमलों के आरोपी और लश्कर-ए-ताइबा के संस्थापक हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा से अमेरिका पलट गया है। पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत कैमरन मुंटेर ने दावा किया कि उनकी सरकार ने ऐसी कोई घोषणा ही नहीं की।
मुंटेर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया अति-सक्रिय है, लेकिन उसने 61 वर्षीय सईद के मामले में बातों को ठीक से समझे बिना सब कुछ लिखा और कहा। मुंबई हमलों के मामले में भारत की तरफ से भले ही सईद की गिरफ्तारी की मांग हो रही है, परंतु अमेरिका ने उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए किसी प्रकार का इनाम नहीं रखा है।
शनिवार को यहां अमेरिकन बिजनेस फोरम द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मुंटेर ने मीडिया से कहा कि अमेरिका का ‘जस्टिस प्रोग्राम’ दुनिया भर के आतंकियों के खिलाफ है। इसके अनुसार संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किसी भी व्यक्ति के मारे जाने या गिरफ्तारी पर अमेरिका इनाम देगा। इसमें कहीं भी हाफिज सईद या किसी अन्य देश के आतंकी का नाम नहीं लिया गया है।
मुंटेर ने माना कि इस वक्त पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। उनमें आपसी विश्वास की कमी है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह अविश्वास बातचीत, विचार-विमर्श और दोनों देशों के लोगों द्वारा आपस में एक-दूसरे से अधिक से अधिक मिलने पर खत्म हो सकता है।’ मुंटेर के अनुसार, दोनों देशों के बीच अगर व्यापारिक संबंध विकसित होते हैं, तो यह उन्हें बेहतर दिनों की तरफ ले जाएंगे।
3 अप्रैल 2012 को भारत पहुंचीं अमेरिका की सहायक मंत्री विंडी शरमन ने कहा था कि हाफिज सईद को अमेरिका ने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकियों में शामिल करते हुए उसके सिर पर 51 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है।
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