तिब्बती धार्मिक नेता करमापा ओग्येन त्रिनले दोरजी को राहत देते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने विदेशी और भारतीय मुद्रा बरामदगी मामले में चार्जशीट से उनका नाम हटाने का फैसला किया है।
उना की अदालत में दायर चालान में पुलिस ने 26 वर्षीय करमापा पर नौ अन्य लोगों के साथ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए थे। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि गृह और कानून विभागों द्वारा इस मामले का परीक्षण करने के बाद सरकार ने अपराध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 (अभियोजन की वापसी) के तहत अपने अधिकार का उपयोग करते हुए आरोपपत्र से करमापा का नाम हटाने का फैसला किया।
पिछले साल 28 जनवरी को पुलिस को धर्मशाला के बाहरी इलाके ग्यूतो तांत्रिक विश्वविद्यालय से चीन और भारत समेत 26 देशों की मुद्राएं बरामद हुईं। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उना पुलिस ने एक जीप से एक करोड़ रुपये जब्त किए थे और जांच में खुलासा हुआ था कि यह पैसा करमापा न्यास के लिए जमीन खरीदने के लिए है, जिसके बाद विश्वविद्यालय पर छापा मारा गया था।
अदालत में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद करमापा ने उना के जिलाधिकारी को आवेदन देकर उससे उनका नाम हटाने का अनुरोध किया था और कहा कि वह ग्यूतो तांत्रिक विश्वविद्यालय एवं बौद्धमठ के महज प्रमुख हैं और उनका उसके दैनिक मामलों और वित्तीय लेन-देन से कोई लेना-देना नहीं है।
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