बिहार के चर्चित बथानी टोला नरसंहार मामले में निचली अदालत से सजा पाए 23 आरोपियों को बरी करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी। राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर कुछ नहीं कर सकती, लेकिन इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। भोजपुर जिले के बथानी टोला गांव में 21 लोगों के नरसंहार से सम्बंधित एक मामले में निचली अदालत से सजा पाए 23 लोगों को पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को बरी कर दिया था।
भोजपुर जिले के सहार थाना अंतर्गत आने वाले बथानी टोला गांव में 11 जुलाई 1996 को हुए नरसंहार में 21 लोगों की मौत हो गई थी। आरा की एक अदालत ने इस मामले में 23 लोगों को दोषी करार देते हुए 12 मई 2010 को सजा सुनाई थी। तीन लोगों को फांसी और 20 अन्य को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 63 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए थे।
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