राजेश और नूपुर तलवार की बेटी आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की हुई हत्या के मामले में गाजियाबाद की सेशन कोर्ट में 11 मई से औपचारिक मुकदमा शुरू होगा। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसजेएम) प्रीति सिंह ने बुधवार को यह कहते हुए केस डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज भारत भूषण की अदालत में भेज दिया कि उनके पास हत्या के मामले में केस चलाने के लिए आईपीसी के तहत आवश्यक शक्ति नहीं है।
एसजेएम सिंह ने डेंटिस्ट कपल के इस आग्रह को खारिज कर दिया कि मामले में अभी केस नहीं चलाया जा सकता क्योंकि उन्हें अभी अभियोजन ने सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। कोर्ट सीबीआई की इस दलील से सहमत नजर आई कि वे सिर्फ मुकदमे में देरी कराने की कोशिश कर रहे हैं।
अभियोजन द्वारा सभी दस्तावेज मुहैया कराए जाने के तलवार दंपती के आग्रह का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के अनुरूप उन्हें प्रासंगिक दस्तावेज पहले ही दिए जा चुके हैं कि वे सीबीआई द्वारा अदालत में दायर सभी दस्तावेजों को पाने के हकदार नहीं हैं। सीबीआई के वकील ने कहा कि एजेंसी ने कुल 153 गवाहों से जिरह की है और उनमें से 90 के बयान तलवार दंपती को पहले ही उपलबध कराए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 23 तस्वीरें भी उपलब्ध कराई गईं जिन पर एजेंसी अपने मुकदमे के लिए निर्भर है। अदालत ने हालांकि, तलवार दंपती को सभी दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति दे दी। सुनवाई के दौरान नूपुर और उनके पति राजेश तलवार दोनों ही मौजूद थे। नूपुर को बाद में डासना जेल ले जाया गया।
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