दिल्ली से विमान यात्रा महंगी हो जाएगी. मंगलवार से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने-जाने वाले यात्रियों को ऊंचा उपयोग विकास शुल्क देना होगा. हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण ने 25 अप्रैल को यूडीएफ सहित हवाई अड्डा शुल्क में दो साल के लिए 346 प्रतिशत की भारी वृद्धि का फैसला किया था.
एयरलाइन कंपनियों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इसका सबसे ज्यादा बोझ उन पर और विमान यात्रियों पर पड़ेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘एरा के फैसले को सरकार ने स्वीकार कर लिया है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने अब उसे अधिसूचित कर दिया है.’
15 मई से यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ान पकड़ने वाले यात्रियों को 5,000 किलोमीटर से अधिक के लिए 1,068 रुपये का यूडीएफ चुकाना होगा. वहीं आईजीआई हवाई अड्डे पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को 881.10 रुपये अदा करने होंगे. 2,000 से 5,000 किलोमीटर की यात्रा करने वाले मुसाफिरों को 845.50 रुपये अदा करने होंगे. यहां अंतरराष्ट्रीय उड़ान से आने वाले यात्रियों के लिए शुल्क दर 699.17 रुपये होगी. 2,000 किलोमीटर से कम की यात्रा करने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को प्रस्थान के लिए 534 और आगमन के लिए 436 रुपये का यूडीएफ देना होगा.
घरेलू उड़ानों के लिए प्रस्थान करने वाले यात्रियों को 500 किलोमीटर से अधिक के लिए 462.80 रुपये और आगमन वाले यात्रियों को 391.60 रुपये का यूडीएफ अदा करना होगा. वहीं 500 किलोमीटर से कम की यात्रा के लिए यह दर क्रमश: 231.40 रुपये और 195.80 रुपये होगी. यह पहला अवसर है कि हवाईअड्डे पर आगमन करने वाले यात्रियों पर भी यूडीएफ लगाया जाएगा.
एरा के आदेश के अनुसार, यूडीएफ की दरें 15 मई से लागू होंगी और अगले साल इनमें और इजाफा होगा.
समझा जाता है कि इससे टिकट दरों में भी इजाफा होगा. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि एयरलाइन विभिन्न हवाई अड्डा शुल्कों मसलन लैंडिंग, पार्किंग, नेविगेशन और कामन यूजर टर्मिनल में बढ़ोतरी का कितना बोझ यात्रियों पर डालती हैं. एयरलाइन कंपनियों के वैश्विक संगठन अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ ने कहा था कि हवाईअड्डा शुल्कों में बढ़ोतरी के बाद दिल्ली दुनिया का सबसे महंगा हवाईअड्डा बन जाएगा.
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