चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगी पर्वतीय सीमाओं की रक्षा के लिए अब अमेरिका से 145 एम-777 हॉवित्सर तोपों का आयात किया जाएगा। बोफोर्स सौदे (1986) के करीब ढाई दशक बाद रक्षा मंत्रालय ने थलसेना के लिए तोपों के आयात के बहुप्रतीक्षित फैसले को मंजूरी दी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय की खरीद परिषद ने एल-70 हवाई रक्षा तोपों के लिए तीन हजार करोड़ रुपये लागत के 65 रेडार खरीदने को मंजूरी दी। इसके अलावा टी-90 टैंकों के सिमुलेटर खरीदने को भी मंजूरी दी गई। इन सभी सौदों पर कुल 7,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।
भारतीय सीमाओं में दखल का खयाल भी मन में लाने से पहले दुश्मन को अब दस बार सोचना होगा। चीन और पाकिस्तान से लगी पर्वतीय सीमाओं पर अब बहुत जल्द अमेरिकी 145 एम-777 हॉवित्सर तोपें तैनात हो सकेंगी। भारत ने देर से ही सही पर इस बारे में फैसला कर लिया है। वह अमेरिका से 145 एम-777 हॉवित्सर तोपों का आयात करेगा। रक्षा मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी है। यही नहीं रक्षा मंत्रालय की खरीद परिषद ने एल-70 हवाई रक्षा तोपों के लिए तीन हजार करोड़ रुपये लागत के 65 रेडार खरीदने की भी मंजूरी दी है। टी-90 टैंकों को भी मजबूत किया जाएगा। उनके लिए सिमुलेटर खरीदने को मंजूरी मिल गई है। इन सभी सौदों पर कुल सात हजार करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।
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