सीबीआई की एक अदालत ने लाखों रुपयों के चारा घोटाला मामले में शनिवार को 34 लोगों को एक से छह साल तक के कारावास की सजा सुनाई। डी.सी. रे की सीबीआई अदालन ने दोषियों पर 10,000 से लेकर 300,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 80 के दशक में रांची में दोरांदा राजकोष से अवैध तरीके से छह करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि निकाले जाने से सम्बंधित है।
जिन 34 लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें से 12 पशुपालन विभाग से हैं और 16 चारे के आपूर्तिकर्ता हैं। मामले में 54 अभियुक्त थे। इनमें से 17 की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। एक ने सीबीआई का गवाह बनना स्वीकार कर लिया जबकि दो भगोड़े हैं। सीबीआई की एक अदालत ने चारा घोटाले से सम्बंधित एक और मामले में गुरुवार को 69 लोगों को दोषी करार दिया था।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व जगन्नाथ मिश्र भी घोटाले से सम्बंधित पांच मामलों में अभियुक्त हैं। रांची की सीबीआई अदालतों में उनकी सुनवाई जारी है। मामले में 1997 में यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। 90 के दशक के अविभाजित बिहार में चारा घोटाला उस वक्त सुर्खियों में छा गया था, जब अधिकारियों व राजनेताओं पर पशुओं का चारा खरीदने के नाम पर जनता के पैसे का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगा।
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