बिहार में गेहूं की अधिप्राप्ति के लिए सहकारिता विभाग ने चार सौ करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. इस बाबत सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव रामाश्रय कुमार ने पत्र निर्गत कर दिया है. यह राशि बिहार राज्य सहकारी बैंक को कार्यशील पूंजी के रूप में उपलब्ध करायी गयी है. इस पर नौ प्रतिशत की दर से ब्याज लगेगा. सरकार ने कुल पन्द्रह लाख गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसमें बारह लाख मीट्रिक टन पैक्सों के माध्यम से धान की अधिप्राप्ति की जानी है.
तीन लाख मीट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति बिहार राज्य खाद्य निगम को करना है. रब्बी विपणन मौसम 2012-13 के अन्तर्गत किसानों से गेहूं अधिप्राप्ति मुख्य रूप से राज्य के सभी पैक्सों द्वारा की जायेगी. जिन पंचायतों में गेहूं अधिप्राप्ति पैक्सों द्वारा नहीं की जायेगी वहां बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा प्रखंड में स्थापित क्रय केन्द्रों द्वारा की जायेगी. मूल रूप से क्रय केन्द्र स्थापित करने की जिम्मेवारी पैक्सों की है.
पैक्स स्तर पर संचालित क्रय केन्द्रों के लिए अनुमानत: 100-200 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का अस्थायी भंडारण किया जाना है. इसके लिए राज्य में पैक्स स्तर पर कुल 2200 पैक्सों के पास औसतन: 100-200 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम उपलब्ध हैं. इनका उपयोग क्रय केन्द्र की स्थापना सहित आवश्यक भंडारण क्षमता की प्राथमिकता अन्तर्गत सुनिश्चित किया जाना आवश्यक होगा.
प्रखंड व पंचायत स्तर पर निर्मित व्यापार मंडल सहयोग समिति लिमिटेड के गोदामों का भी उपयोग इस प्रयोजन के लिए करने का निर्देश दिया गया है. रब्बी विपणन मौसम 2012-13 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1285 रुपये प्रति क्विंटल की जानी है. गेहूं अधिप्राप्ति 15 अप्रैल से 31 जुलाई तक की जानी है.
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