केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक अदालत ने चारा घोटाला मामले में 69 लोगों को दोषी ठहराया और 16 को बरी कर दिया है। अदालत ने 29 लोगों को एक से तीन साल तक की कैद और 25,000 से दो लाख रुपये तक का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। अन्य के खिलाफ सजा सात मई को सुनाई जाएगी।
अदालत ने यहां 90 के दशक की शुरुआत में डोरंडा खजाने से धोखाधड़ी से 45 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि निकालने के आरसी 31 ए/96 मामले में यह फैसला सुनाया। पशुपालन विभाग से सम्बंधित इस घोटाले (चारा घोटाले) में 111 आरोपी थे। लम्बी सुनवाई के दौरान कुछ अभियुक्तों की तो मौत हो गई और कई अन्य सीबीआई के गवाह बन गए। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व जगन्नाथ मिश्र घोटाले से जुड़े पांच मामलों में अभियुक्त हैं। रांची में सीबीआई अदालतों में उनकी सुनवाई जारी है। यादव के खिलाफ 1997 में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
90 के दशक के अविभाजित बिहार में चारा घोटाला उस वक्त सुर्खियों में छा गया था, जब अधिकारियों व राजनेताओं पर पशुओं का चारा खरीदने के नाम पर जनता के पैसे का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगा। घोटाले में कुल 61 मामले दर्ज किए गए। बाद में 53 मामले साल 2000 में बिहार के विभाजन से बने झारखण्ड में स्थानांतरित कर दिए गए। रांची में सीबीआई की अलग-अलग अदालतों ने 41 मामलों में फैसला सुनाया है।
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