पेट्रोलियम पदार्थों का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 7.50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। नई दरें बुधवार मध्य रात्रि से लागू होंगी। एक बार में पेट्रोल के दाम में यह सबसे बड़ी वृद्धि है।
कंपनियों ने कहा कि उन्होंने पेट्रोल के दाम 6.28 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं। इसमें स्थानीय बिक्रीकर या मूल्यवर्धित कर (वैट) शामिल नहीं है। इनको जोड़ने के बाद मूल्यवृद्धि 7.50 रुपये प्रति लीटर बैठेगी। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल का दाम 65.64 रुपये प्रति लीटर है, जो अब बढ़कर 73.14 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा।
इससे पहले सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने कहा था कि रुपये में गिरावट की वजह से तेल आयात बिल बढ़ रहा है, ऐसे में ईंधन कीमतों में तत्काल वृद्धि की जरूरत थी। हालांकि, मंत्री ने यह नहीं बताया कि कीमतों में बढ़ोतरी कब की जाएगी।
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा था कि मूल्य वृद्धि बेहद जरूरी थी, लेकिन हमें राजनीतिक दलों से बात करनी थी। सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल मूल्य नियंत्रणमुक्त कर दिए थे। पेट्रोल के दाम में आखिरी बार बढ़ोतरी पिछले साल 4 नवंबर को की गई थी। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल के दाम में 14 फीसदी इजाफा हुआ है वहीं डॉलर की तुलना में रुपया सात फीसदी कमजोर हुआ था। डीजल, मिट्टी तेल और रसोई गैस के दाम आखिरी बार पिछले साल जून में बढ़ाए गए थे।
रेड्डी ने बताया था कि यदि डॉलर की तुलना में रुपया एक रुपये कमजोर होता है, तो पेट्रोलियम कंपनियों को सालाना 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। रुपया इस समय गिरकर 55 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया था, जबकि पिछले साल यह 46 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। इस तरह रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों को 72,000 करोड़ रुपये का नुकसान बैठता है। रेड्डी ने कहा था कि इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए कुछ करने की जरूरत थी। मैं यह नहीं कह सकता कि यह कब होगा या कैसे होगा। कीमत बढ़ाने या न बढ़ाने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ था।
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