आपात योजना के तहत बुधवार को अमेरिका और यूरोप के लिए अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया है। हड़ताली पायलटों ने सरकार से बातचीत शुरू करने की अपील की है। पायलटों की हड़ताल का आज नौवां दिन है। एयरलाईन्स ने अंतरराष्ट्रीय परिचालन में स्थिरता बहाल करने के लिए अमेरिका और यूरोप के लिए उड़ानें सीमित कर दी हैं और कुछ उड़ानों को एक दूसरे के साथ जोड़ दिया है।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा हमने अपनी आपात योजना लागू कर दी है और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन पुन: शुरू किया है जो पिछले आठ दिन से प्रभावित था। हमारे ग्राहकों को इससे बहुत असुविधा हो रही है। धीरे-धीरे हमें उम्मीद है कि हमारा परिचालन सामान्य हो जाएगा। एयर इंडिया के विमानों ने सुबह दिल्ली-पेरिस-न्यूयार्क (जेएफके) और दिल्ली-फै्रंकफर्ट-शिकागों की उड़ान के लिए प्रस्थान किया। दिल्ली-शांगहाई और दिल्ली-लंदन की उड़ान को भी समय से संचित किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा हमने मुंबई-लंदन और मुंबई-शांगहाई की उड़ान की उड़ानों को दिल्ली-लंदन और दिल्ली-शांगहाई से जोड़ा गया है। हम इन उड़ानों का परिचालन 777 ईआर विमान के जरिए कर रहे हैं ताकि अतिरिक्त यात्रियों को शामिल करने में मुश्किल न हो। इससे बहुत से यात्रियों को राहत मिलेगी जो अपनी उड़ानों की स्थिति के बारे में चिंतित थे। उन्होंने कहा कि हमारे बहुत से यात्रियों ने महीनों पहले टिकट बुक करा रखा था। यदि हालात ठीक रहे थे हम बहुत लंबी उड़ानों के लिए अपनी बुकिंग फिर से खोल सकते हैं। एयरलाइन ने हड़ताल के मद्देनजर बुकिंग कल तक के लिए स्थगित कर रखी है।
एयरइंडिया के अधिकारी ने कहा कि बैंकॉक, सिंगापुर और अन्य गंतव्यों के लिए एयरबस 320 विमान लगाए गए हैं। एक अन्य घटनाक्रम में एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों ने सरकार से कहा कि वह कम से कम प्रारम्भिक स्तर की बातचीत तो शुरू करे। इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के प्रमुख जितेंद्र अवहद ने मुंबई में बताया सरकार को कम से कम प्राथमिक स्तर पर बातचीत शुरू करनी चाहिए। हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने बातचीत के लिए हमें औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि इस मामले को सुलझाया जा सके।
अवहद ने कहा कि एयरइंडिया प्रबंधन द्वारा अमान्य घोषित आईपीजी अब इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए अन्य राजनैतिक दलों से बातचीत कर रहा है। अवहद ने कहा कि पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाईन्स के पायलटों के संगठन आइसीपीए से जुड़े पायलटों ने जब हड़ताल की थी तो उन्होंने उनसे बात की थी और इस समस्या का समाधन निकाला था। उनका संगठन भी अमान्य करार दे दिया गया था। हम सिर्फ इतना चाहते हैं बातचीत शुरू होनी चाहिए और निलंबित पायलटों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए। पायलटों की हड़ताल से नकदी संकट से जूझ रही इस विमानन कंपनी को न सिर्फ 150 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है बल्कि इससे यात्रियों को बहुत असुविधा हुई है।
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