एसआइटी रिपोर्ट से दस्तावेज गायब. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 11 मई 2012

एसआइटी रिपोर्ट से दस्तावेज गायब.


जकिया जाफरी ने आरोप लगाया है कि विशेष जांच दल एसआइटी ने उन्हें अपनी रिपोर्ट के कई अहम दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। उपलब्ध कराए गए दस्तावेज भी ठीक से पढ़ने लायक नहीं हैं। इस पर एसआइटी ने कहा है कि वे चाहें तो सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट से या उसकी इजाजत से हासिल कर सकती हैं। 

जकिया के वकील सादिक शेख ने गुरुवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमएस भट्ट के समक्ष एक अर्जी पेश की। इसमें कहा गया है कि एसआइटी द्वारा बीते सोमवार को उनकी मुवक्किल को उपलब्ध कराई गई क्लोजर  एसआइटी में सूचीबद्ध 18 दस्तावेज गायब हैं। इन दस्तावेजों में 12 मई, 2010 को एसआइटी अधिकारी एके मल्होत्रा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शामिल है। शेख ने कहा कि गुलबर्ग सोसाइटी दंगे से जुड़े कई दस्तावेज अस्पष्ट हैं जिसके चलते उन्हें पढ़ा भी नहीं जा सकता। एसआइटी के वकील आरएस जमवार ने जकिया की इस अर्जी का विरोध किया। अर्जी पर अब अगली सुनवाई 19 मई को होगी।

गुजरात दंगों की जांच करने वाली एसआइटी का कहना है कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़के दंगों को रोकने की हरसंभव कोशिश की थी। एसआइटी ने दंगों के चार साल बाद पीड़ित द्वारा मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के मकसद पर भी सवाल खड़ा किया है। निचली अदालत में पेश अपनी रिपोर्ट में एसआइटी ने कहा है कि दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया द्वारा मोदी पर लगाया गया आरोप विचारणीय नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी ने गोधरा कांड के बाद हालात नियंत्रित करने के लिए बैठकें बुलाई थीं। दंगों पर काबू करने के लिए सही समय पर सेना को बुलाया। पुलिस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के आरोपों का कोई आधार नजर नहीं आता। न्यायमित्र राजू रामचंद्रन ने संजीव भट्ट के आरोपों पर किसी नतीजे पर पहुंचकर भूल की।

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