टेलीकॉम घोटाला मामले में 15 महीने से जेल में बंद पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा को जमानत मिल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में तीन दिन पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था। राजा की जमानत अर्जी का सीबीआई द्वारा विरोध किया गया था लेकिन बावजूद इसके कोर्ट ने राजा को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। जिसमें जांच एजेंसियों को सहयोग करना, बेल का बॉन्ड भरना और सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने जैसी बातें प्रमुख हैं।
राजा को 2 फरवरी 2011 को गिरफ्तार किया था जिसके पहले उनसे 2 राउंड की पूछताछ हो चुकी थी। इस मुकदमें में कुल 17 आरोपी बनाए गए हैं जिनमें 3 कंपनियां शामिल हैं। ए राजा के वकील ने बताया कि चूंकि आरोपी बाकी 14 लोगों में से 13 को जमानत मिल चुकी थी इसलिए राजा के जेल में रहने का मतलब नहीं बनता था। राजा ने 13वे आरोपी सिद्धार्थ बेहुरा को जमानत के बाद अपनी जमानत अर्जी कोर्ट में दी। राजा आज शाम तक जेल से बाहर आ जाएंगे।
राजा को जमानत मिलने पर डीएमके नेता टी आर बालू ने खुशी जताई तो विपक्षी पार्टी बीजेपी इसे कोर्ट का मामला बताकर कुछ भी कहने से बचती नजर आई। दूसरी तरफ सुब्रह्मयण स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक राजा को जमानत मिलनी चाहिए थी। साथ ही स्वामी राजा की सुरक्षा के मुद्दे पर चिंतित नजर आए। एक लाख 76 हजार करोड़ के टेलीकॉम घोटाले में ए राजा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। राजा पर 2 जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस गलत तरीके से देने का आरोप है। इस मामले में राजा पर धारा 409 के तहत आपराधिक विश्वासघात, धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश ,सरकारी पद के दुरुपयोग, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनिमय के तहत आरोप लगाए गए थे।
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