भारत पर ईरान के खिलाफ जाने का दवाब. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 मई 2012

भारत पर ईरान के खिलाफ जाने का दवाब.


अमेरिका भारत पर ईरान के खिलाफ जाने के लिए दबाव बना रहा है। भारत की यात्रा पर आईं विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है। अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन अपनी तीन दिनों की भारत यात्रा के दौरान दूसरे दिन नई दिल्ली पहुंच चुकी हैं। नई दिल्ली आने से पहले कोलकाता में क्लिंटन ने सोमवार को यह कहा कि भारत जैसे देशों पर ईरान से तेल का आयात घटाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है,ताकि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए मजबूर हो जाए।

क्लिंटन ने इस बारे में कहा,'ईरान परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने वाला देश है और उसने इस संधि की शर्तों को नहीं माना है। इसलिए हमने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाया और सुरक्षा परिषद में कड़े प्रतिबंध पारित करवाए। इस दबाव ने ईरान को अंतरराष्ट्रीय वार्ता के मंच पर लाया है और इसी दिशा में पहली बैठक इस्तांबुल में होने जा रही है।'कोलकाता के एक स्कूल में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के कुल तेल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 12 फीसदी है। सऊदी अरब के बाद ईरान भारत को तेल का निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। उन्होंने कहा,'हम मानते हैं कि अगर दबाव और प्रतिबंध नहीं लगाया गया होता तो ईरान वार्ता की मेज पर नहीं आता। हम यह नहीं मानते कि ईरान बिना दबाव बनाए इस मुद्दे को शांतिपूर्वक समाधान निकालेगा। इसी कारण भारत, चीन, यूरोपीय देशों, जापान से ईरान से तेल आयात में कटौती करने को कहा जा रहा है ताकि उस पर दबाव बन सके।' क्लिंटन ने कहा कि इराक और सऊदी अरब जैसे पेट्रोलियम उत्पादक देश भारत जैसे देशों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की भूमिका का हिस्सा है। यह केवल इसलिए नहीं है कि ऐसा करने के लिए अमेरिका कह रहा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ऐसा करने के लिए कह रहा है।' 

क्लिंटन ने प्रतिबंधों में ढील के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा, जैसा कि भारत चाहता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। मार्च में अमेरिका ने ईरान से तेल का आयात करने वाले भारत और 11 अन्य देशों को नोटिस थमाकर आयात में कटौती नहीं करने पर उन पर वित्तीय प्रतिबंधों को कड़ा किए जाने की बात कही थी। 

हिलेरी क्लिंटन ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन अलकायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी पाकिस्तान में है। पाकिस्तान के एबटाबाद में पिछले वर्ष दो मई को ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद मिस्र मूल के कट्टरपंथी अल-जवाहिरी ने अलकायदा की कमान सम्भाली थी। क्लिंटन ने इस बारे में कहा, 'हम अलकायदा को तबाह करना चाहते हैं। हम मानते हैं कि अलजवाहिरी पाकिस्तान में है।' उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि वर्ष 2008 में मुम्बई पर हुए आतंकवादी हमले के जिम्मेदार हाफिज सईद पर इनाम की घोषणा की गई है। लश्कर ए-तैयबा के इस सरगना के बारे में जानकारी देने पर अमेरिका ने पिछले माह एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्‍तान ने आतंकवाद के मोर्चे पर कुछ खास करके नहीं दिखाया है। भारत और अमेरिका को उससे कहीं ज्‍यादा उम्‍मीदें हैं। खुद पाकिस्‍तान ने अमेरिका और भारत से ज्‍यादा लोगों को खोया है। इस मुल्‍क में 30 हजार लोग आतंकवादी हमलों में मारे गये हैं। यह पाकिस्‍तान के हित में होगा कि वह आतंकवाद की समस्‍या से निपटे।   

हिलेरी ने कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राज्य सचिवालय में मुलाकात की। क्लिंटन सुबह करीब 11.10 बजे राइटर्स बिल्डिंग पहुंचीं, जहां ममता ने दोनों हाथ जोड़कर 'नमस्ते' कहकर उनका अभिवादन किया। संवाददाता सम्‍मेलन में बनर्जी ने बताया कि बातचीत काफी सकारात्‍मक रही। अमेरिका ने पश्चिम बंगाल सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए आर्थिक निवेश का आश्‍वासन दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि एफडीआई और तीस्‍ता जल संधि पर हिलेरी से कोई बातचीत नहीं हुई । दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में शामिल इन दोनों नेताओं ने एक दूसरे को किताबें और अन्‍य सामान भेंट में दिए। 

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