भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कीर्ति आजाद का उन पूर्व क्रिकेटरों की सूची से नाम हटा दिया है जिन्हें वह एकमुश्त लाभार्थ भुगतान कर रहा है। आजाद ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि वह इंडियन प्रीमियर लीग और बोर्ड के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे।
सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई ने आजाद का नाम एकमुश्त लाभार्थ पाने वाले खिलाड़ियों की सूची से हटा दिया है। उसने यह कदम आईपीएल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ आजाद का फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के बाहर एक दिन के अनशन पर बैठने के कारण उठाया है।
बीसीसीआई की तरफ से हालांकि अभी तक इस मसले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गयी है। इस बीच आजाद ने कहा कि उन्हें यह पता नहीं है कि उनका नाम सूची से हटा दिया गया है। बीसीसीआई ने अभी तक उनसे इस बारे में संपर्क नहीं किया है। आजाद ने कहा कि मुझे अभी तक बीसीसीआई से कोई सूचना नहीं मिली है। मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया। आजाद से जब पूछा गया कि यदि बोर्ड ने उन्हें एकमुश्त भुगतान करना चाहेंगे तो क्या वह इसे स्वीकार करेंगे, उन्होंने कहा, स्वीकार करने या नहीं करने का सवाल तभी उठेगा जब वे मुझसे संपर्क करेंगे।
भारत की 1983 की विश्व चैंपियन के सदस्य और भाजपा सांसद आजाद ने कहा, लेकिन यदि उन्हें लगता है कि वह ऐसा करके मेरी आवाज बंद कर सकते हैं तो फिर वे गलत है। आजाद ने अपने करियर में सात टेस्ट और 25 एकदिवसीय मैच खेले और उन्हें बीसीसीआई की योजना के तहत 35 लाख रुपये मिलने हैं। आजाद ने कहा कि वह आईपीएल और बोर्ड के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अब आईपीएल की कलई खुल गयी है। जब भी मुझे लगेगा कि कुछ गलत हुआ है तो मैं जरूर उसका विरोध करूंगा। आजाद ने हाल में कोटला के बाहर आईपीएल में हो रही गड़बड़ियों के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था। उन्होंने संसद में भी बड़े जोर शोर से यह मसला उठाया था।
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