जापान का आखिरी परमाणु संयंत्र भी बंद. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 6 मई 2012

जापान का आखिरी परमाणु संयंत्र भी बंद.


भयावह सुनामी से फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के तबाह होने और विकिरण फैलने के सालभर बाद जापान ने परमाणु बिजली को सायोनारा यानी अलविदा कह दिया है। शनिवार को देश का आखिरी परमाणु संयंत्र भी बंद हो गया। होकाईदो के तोमारी में स्थित परमाणु संयंत्र के रिएक्टर में नियंत्रक छड़ें डाल दी गई है। इस संयंत्र का संचालन करने वाली होकाईदो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने कहा है कि इन छड़ों से रिएक्टर में परमाणु रिएक्शन की गति धीरे-धीरे कम हो जाएगी। सोमवार से यह संयंत्र पूरी तरह बंद हो जाएगा। 

आखिरी संयंत्र के बंद होने के बाद हजारों प्रदर्शनकारी राजधानी टोक्यो की सड़कों पर उतर आए। ये लोग ‘सायोनारा न्यूक्लियर पावर’ यानी अलविदा परमाणु ऊर्जा जैसे नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन में शामिल 56 साल के भिक्षुक ग्योशो ओत्सू ने परमाणु ऊर्जा के उत्पादन को आपराधिक काम बताते हुए कहा कि बिना एटमी ऊर्जा के एक नए जापान की शुरुआत हो रही है। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने इसे प्रतीकात्मक दिन बताते हुए कहा कि अब हम दिखा सकते हैं कि जापान के लोग परमाणु ऊर्जा के बिना भी जी सकते हैं।

आखिरी एटमी संयंत्र के बंद होने के साथ ही जापान में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के संसाधनों को लेकर बहस शुरू हो गई। दरअसल, जापान अपनी बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हद तक परमाणु संयंत्रों पर निर्भर था। यहां परमाणु ऊर्जा पर पचास के दशक में ही काम शुरू हो गया था। सत्तर के दशक के बाद ऐसा पहली बार होगा जब जापान बिना परमाणु ऊर्जा के अपनी जरूरतें पूरी करेगा। इसे देखते हुए इस साल गर्मियों में बिजली कटौती का सामना करने की चेतावनी लोगों को पहले ही दी जा चुकी है।

गौरतलब है कि पिछले साल भूकंप और सुनामी के बाद फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में खराबी पैदा हो गई थी। साथ ही सुरक्षा कारणों से देश के कई दूसरे अन्य परमाणु संयंत्रों को भी बंद करना पड़ा था। शुरुआत में कहा गया था कि जांच के बाद इन संयंत्रों को दोबारा चलाया जाएगा। लेकिन, फुकुशिमा से मिले सबक के बाद धीरे-धीरे कर देश के सभी एटमी संयंत्र बंद कर दिए गए।

कोई टिप्पणी नहीं: