गुजरात बीजेपी में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बगावत के सुर फूट रहे हैं। बुधवार को बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मोदी विरोधी मुहिम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के घर बैठक की। खास बात ये थी कि इस बैठक में आरएसएस के भी एक वरिष्ठ नेता मौजूद थे। विरोधियों का कहना है कि मोदी ने गुजरात में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
केशुभाई के बुलावे पर मोदी विरोधी तमाम नेता उनके घर पर जमा हुए। इन नेताओं की बैठक ने गुजरात के राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। खास बात ये रही कि आरएसएस के नेता और गुजरात के पूर्व प्रांत प्रचारक भाष्कर राव दामले भी इस मोदी विरोधी बैठक में मौजूद रहे। इससे एक बात साफ हो गई कि आरएसएस में भी एक धड़ा है जो मोदी विरोधियों के साथ है। बैठक में मोटे तौर पर 2 जून को धोलका में होने वाले पटेल समाज के शक्ति प्रदर्शन को लेकर रणनीति तय हुई। इसके अलावा संजय जोशी को गुजरात में ना आने देने की मोदी की कोशिश भी चर्चा में रही। पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने कहा कि संजय जोशी के गुजरात आने पर जिस तरह से रोक लगा दी गई है वो तानाशाही है।
इस बैठक में गुजरात बीजेपी के कद्दावर नेता काशीराम राणा, पूर्व मंत्री ए के पटेल, पूर्व सांसद के डी जैसवानी, पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश महेता, पूर्व गृहराज्य मंत्री गोवर्धन जडफिया के अलावा कुछ पूर्व विधायक भी मौजूद थे। सूत्रों की मानें तो मोदी विरोध की इस मुहिम को मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों का भी समर्थन हासिल है। इससे साफ है कि गुजरात बीजेपी संगठन के तौर पर भी दो धड़ों में बंटी है। सुरेश मेहता ने कहा कि गुजरात में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यहां कोई खुलकर मोबाइल पर भी बात नहीं कर सकता है। जाहिर है, सबकी नजर 2 जून के धोलका में होने वाले कार्यक्रम पर है। इस आयोजन की सफलता मोदी विरोधियों का हौसला तय करेगी। लेकिन इनता तो तय है कि चुनावी साल में मोदी को अंदरूनी मोर्चे पर भी जूझना पड़ेगा।
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