लोकपाल विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया। इसके साथ ही इस पर उच्च सदन में चर्चा शुरू हो गई। विधेयक ऐसे समय में पेश किया गया है जबकि संसद का बजट सत्र मंगलवार को समाप्त हो रहा है और इस पर अब तक विभिन्न दलों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है। विधेयक में संशोधन किए जाने के बावजूद कुछ बिंदुओं पर विवाद बरकरार है। केंद्रीय कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्री वी. नारायणसामी तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिशों के मद्देनजर सोमवार सुबह राज्यससभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से सोमवार को मुलाकात की, लेकिन सहमति की कोशिशें नाकाम रहीं।
वहीं, टीम अन्ना ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसे में जबकि संसद की कार्यवाही समाप्त होने में केवल दो दिन बचे हैं, सरकार केवल खानापूर्ति करने के लिए इसे राज्यसभा में पेश करने जा रही है। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा, "नया विधेयक लोगों को गुमराह करने, खानापूर्ति करने और विपक्षी दलों पर जिम्मेदारी थोपने के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है।"
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