नेपाल सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं ताकि देश में व्यापक आधार वाली नई अंतरिम सरकार का गठन हो सके जिसमें मुख्य विपक्षी पार्टियां भी शामिल हों. मौजूदा राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए गुरुवार की रात सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बीच दो दिन के भीतर नई सरकार के गठन पर सहमति बनी.
बैठक में मौजूद नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य के अनुसार इस अहम बैठक में 27 मई तक की समय सीमा के अंदर नया संविधान लागू करने के लिए राष्ट्रीय एकता वाली सरकार के गठन के लिए पांच सूत्रीय समझौते पर सहमति हुई. समझौते के मुताकि नई सरकार मौजूदा प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई के नेतृत्व में ही बनेगी जिसमें मुख्य विपक्षी पार्टियां भी शामिल होंगी.
राजनीतिक दलों के बीच अगले तीन दिन के भीतर संविधान के मसौदे से जुड़े विवाद के सभी मुद्दों को हल करने पर भी सहमति बनी है ताकि उसे 27 मई से पहले लागू कर दिया जाए. समझौते के मुताबिक संविधान का मसौदा तैयार होने के बाद नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनेगी जो एक साल के भीतर देश में संसदीय चुनाव कराएगी.
संधिवान का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया माओवादी पार्टी के सदस्य प्रधानमंत्री भट्टाराई के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान ही पूरी होगी. संविधान लागू करने के लिए उसे राष्ट्रपति रामबरन यादव को सौंपे जाने के बाद भट्टाराई अपना पद छोड़ देंगे. ताजा सहमति पर माओवादी पार्टी के प्रमुख प्रचंड, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोइराला, सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष झाला नाथ खनल और मधेसी जन अधिकार मंच-जनतांत्रिक के बिजय कुमार गच्छादर ने हस्ताक्षर किए.
दो साल पहले नेपाली में संविधान सभा का गठन किया लेकिन उसके कार्यकाल को बार बार बढ़ाया गया. अब नए संविधान को लागू करने के लिए 27 मई तक की समय सीमा है. देश की सुप्रीम कोर्ट पहले इसे और आगे न बढ़ाए जाने का फैसला दे चुकी है. नेपाल में 2006 में गृह युद्ध खत्म होने के बाद देश में राजशाही की जगह गणतांत्रिक व्यवस्था लागू की गई, लेकिन वहां अब भी राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है.
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