रांची के आक्सफोर्ड स्कूल के निदेशक डॉ शशि भूषण मेहता को हत्या के जुर्म में पकड़ लिया गया है. मेहता के साथ- साथ इस हत्याकांड में शामिल पलामू के संदीप पासवान और धम्रेंद्र ठाकुर उर्फ भोली को भी धर दबोचा गया है. मेहता पर अपने ही स्कूल की वार्डन सुचित्रा मिश्रा की हत्या का साक्ष्य छिपाने का आरोप है.
निदेशक ने पूछताछ के क्रम में इस बात को भी स्वीकार लिया है कि वार्डन के साथ पिछले सात वर्षों से उनके अवैध संबंध थे. सात साल के अवैध संबंध के बाद सुचित्रा निदेशक पर शादी का दबाव बनाने लगी थी. इसी कारण रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या करा दी गई. सुचित्रा की हत्या 11 मई को ही कर दी गई थी और इसके बाद लाश धुर्वा डैम साइड में उसके भाई के मकान से कुछ दूरी पर पीसीसी रोड पर पड़ी हुई मिली थी. उसके सिर के पिछले हिस्से पर गहरे जख्म के निशान भी थे. गले की चैन और कान के गहने को निकाल लिया गया था, ताकि लूटपाट और छिनतई जैसा सीन क्रियेट हो सके.
हत्याकांड का खुलासा शनिवार को खुद रांची के वरीय आरक्षी अधीक्षक ने किया है. 11 मई को सुचित्रा की हत्या के दिन ही धुार्वा के इंस्पेक्टर बीएन सिंह को ये गुप्त सूचना मिली थी कि इस पूरे हत्याकांड के सूत्रधार ऑर्क्सफोर्ड के निदेशक हैं. इसके बाद उन्होंने निदेशक के मोबाइल की खोजबीन जारी हुई . हत्या के दिन मोबाइल का लोकशन भी धुर्वा को लोकेट कर रहा था. साक्ष्य जुटाने के बाद निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया और पुछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
वार्डन के पति अवधेश मिश्र का 2000 में ही निधन हो गया था, वो विधवा थी। तय रणनीति को अंजाम देने के लिए निदेशक और अपराधी अलग-अलग गाड़ियों में सुचित्रा की तलाश में निकल गए. सुचित्रा अपने 2 बेटों के साथ उस दिन अजंता सर्कस देखने गई थी और वहां से निकलने के बाद मेहता के कथनानुसार बेटों को स्कूल की कार से ही हॉस्टल भेज दिया और खुद उनसे मिलने के लिए चली गई. मेहता ने फोन करके सुचित्रा को बुलाया था और वहां पंहुचने के बाद उसे दूसरी गाड़ी में बैठाकर वहीं उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद लाश को फेंककर गले से चेन और कानवाले को निकाल लिया गया.
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