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शनिवार, 5 मई 2012

NCTC के गठन पर नहीं बन पाई आम सहमति.


एनसीटीसी के गठन की जोरदार वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को राज्य सरकारों से कहा कि वे आतंकवाद से निपटने में केन्द्र के साथ रहें। हालांकि, प्रधानमंत्री की अपील के बाद भी इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन पाई। 

राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र के गठन का विरोध करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि यह प्रस्ताव संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन करता है। आपातकाल के दिनों की याद दिलाते हुए नीतीश ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार की किसी खुफिया एजेंसी को इस तरह के अधिकार दिये गये तो पूरी संभावना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसका दुरुपयोग होगा।
    
नीतीश ने एनसीटीसी के अधिकारक्षेत्र को लेकर कई मुद्दे उठाये। उन्होंने कहा कि वह इस बात से खासे परेशान हैं कि संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन किया जा रहा है। एनसीटीसी के बारे में जो आदेश जारी किया गया है, उसमें भी कई कानूनी और प्रक्रियागत खामियां हैं। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के मौजूदा स्वरुप को खारिज करते हुए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय पर जमकर निशाना साधा। जयललिता ने कहा कि राज्य सरकारों को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है और शतरंज की बिसात पर उनके साथ प्यादे जैसा बरताव किया जा रहा है। आतंकवाद निरोधक क्षमताओं में कमियों व जरूरतों को पूरा नहीं किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के प्रस्तावित स्वरुप में उसका राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरूपयोग हो सकता है। उन्होंने केन्द्र पर पुलिस के अधिकारों को केन्द्रीकृत करने का आरोप भी लगाया। चौहान ने कहा कि एनसीटीसी अपने मौजूदा स्वरुप में संविधान प्रदत्त संघीय ढांचे के खिलाफ जाता है। साथ ही कहा कि आतंकवाद से लडाई में सभी संबद्ध पक्षों के साथ टीम के सदस्य की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।
    
केन्द्र सरकार पर पुराने जमाने के लाट साहब जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एनसीटीसी का गठन केन्द्र को सर्वव्यापी शासक और राज्यों को निर्भर दास के रूप में दर्शाने की सोची समझी रणनीति है। मोदी ने केन्द्र और राज्य के बीच संबंधों की संविधान के तहत प्रदत्त और अच्छी तरह परिभाषित सीमाओं को बदलने का आरोप मढा। साथ ही कहा कि हाल के कुछ घटनाक्रम संघीय ढांचे के खिलाफ जाते हैं, मसलन रेलवे सुरक्षा बल कानून, बीएसएफ कानून में संशोधन। केन्द्र सरकार पुराने जमाने के लाटसाहब की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का दावा है कि एनसीटीसी अमेरिका और ब्रिटेन की तर्ज पर बनाया जा रहा है लेकिन वह अमेरिका द्वारा 2001 के आतंकवादी हमले के बाद आतंक से निपटने के लिए बनाये गये मजबूत कानूनी तंत्र पर ध्यान देने में विफल रही। उल्टे उसने पोटा जैसे आतंकवाद विरोधी कानून समाप्त कर दिये।
    
प्रस्तावित एनसीटीसी को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा कि आतंकवादी देशों या राज्यों की सीमाओं को नहीं मानते और आतंकवादी खतरा अब भौगोलिक सीमाओं से आगे नये आयाम बना रहा है। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर काम करना होगा। राज्य सरकारें और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करना होगा। विपक्ष और सत्तापक्ष को मिलकर काम करना होगा। सामाजिक संगठनों और सरकारी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा। मुझे यकीन है कि हम देश को सुरक्षित बना सकते हैं। 

एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सिंह ने कहा कि आतंकवाद आज हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से है। इस बात से कोई असहमति नहीं है कि एक प्रभावशाली आतंकवाद रोधी व्यवस्था बने और प्रभावशाली तंत्र एवं जवाबी प्रणाली राष्ट्रीय एवं राज्य दोनों स्तरों पर हो। 
    

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