आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में मुख्य प्रमोटर और कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य कन्हैयालाल गिडवानी सहित सात आरोपियों को मंगलवार को यहां की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी।
आरोपियों को पांच-पांच लाख रुपये का मुचलका भरने का निर्देश दिया गया और हर हफ्ते मंगलवार एवं गुरुवार को सीबीआई के मुम्बई स्थित दफ्तर में रिपोर्ट करने को कहा गया। जिन आरोपियों को जमानत दी गई है, उनमें आईएस अधिकारी प्रदीप व्यास, शहरी विकास विभाग के पूर्व उप सचिव पीवी देशमुख, ब्रिगेडियर (अवकाश प्राप्त) एमएम वंचू, सेवानिवृत्त रक्षा एस्टेट अधिकारी आरसी ठाकुर, मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) एआर कुमार, मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) टीके कौल और पूर्व विधान परिषद सदस्य कन्हैयालाल गिडवानी शामिल हैं।
सभी आरोपियों पर आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम तथा बेनामी लेनदेन (निषेध अधिनियम) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश के आरोप हैं। आरोपियों ने यह कहकर जमानत दिए जाने का आग्रह किया था कि वे जमानत पाने के हकदार हैं क्योंकि सीबीआई ने निर्धारित 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किया। जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने तर्क दिया कि वह भादंसं की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 467 (फर्जीवाड़ा) जैसी कड़ी धाराएं लगाना चाहती है जिनमें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इस तरह के मामले में आरोपपत्र दायर करने की समयसीमा 90 दिन होगी।
अभियोजक भरत बादामी ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपियों के हस्ताक्षरों के नमूने ले लिए हैं और इन्हें परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। सीबीआई यह साबित करने के लिए सबूत जुटा रही है कि आरोपियों ने भादंसं की दफा 409 और 467 के तहत जुर्म किया।
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