वाईएसआर कांग्रेस पार्टी नेता वाईएस जगनमोहन रेड्डी की कथित अवैध संपत्ति मामले में गिरफ्तारी की आशंका के बीच हैदराबाद में कानून व्यवस्था प्रभावित होने का डर बना हुआ है। पुलिस ने गुरुवार को यहां निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
जगन के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत में 28 मई को उपस्थित होने से तीन दिन पहले ही उनकी गिरफ्तारी होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। सीबीआई ने पूछताछ के लिए शुक्रवार को जगन को सम्मन भी भेजा था।
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। गुरुवार सुबह छह बजे से लागू इस आदेश के तहत पांच या इससे अधिक लोगों के एक ही स्थान पर इकट्ठे होने पर प्रतिबंध लग गया है। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अनुराग शर्मा ने कहा कि यह आदेश 29 मई तक लागू रहेगा। इस दौरान बैठकों, रैलियों व जुलूसों की इजाजत नहीं होगी। पुलिस ने वाहनों व लोगों की तलाशी लेना शुरू कर दिया है। खासकर शहर के प्रवेश बिंदुओं पर तलाशी की जा रही है।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि उनके पास इस बात की विश्वसनीय सूचना है कि आने वाले उप-चुनावों के मद्देनजर कुछ राजनीतिक दल हैदराबाद में बड़ी संख्या में अपने समर्थकों को जुटा सकते हैं और कुछ स्थानीय घटनाओं से राजनीतिक लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल ऐसे वातावरण में लोगों को भावनात्मक रूप आंदोलित कर सकते हैं और इसका शहर की कानून-व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है। जगन का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व सीबीआई के साथ मिलकर उनकी गिरफ्तारी के लिए षडयंत्र रचा है।
जगन ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे एक पत्र में कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद शहर में दंगे भड़काने व इसका दोष उनके सिर मढ़ने की साजिश रची गई है। सीबीआई ने बुधवार को एक नोटिस जारी कर जगन को अपने समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा था। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने जगन की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने उपस्थिति से छूट की मांग की थी। दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन को सीबीआई पहले ही सम्मन जारी कर चुकी है, जिसमें उन्हें 28 मई को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने उनकी उपस्थिति में छूट मांगने की याचिका खारिज कर दी है। जगन पर अपने पिता के साथ मिलकर उनके व्यवसाय में निवेश करने वाली कम्पनियों के लिए सहूलियतें मुहैया कराने का आरोप है।
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