अमेरिकी कांग्रेस की एक कमिटी ने वर्ष 2013 के लिए अपने बजट प्रस्ताव में पाकिस्तान को आर्थिक और सुरक्षा सहायता देने पर रोक लगा दी। यह रोक तब तक के लिए है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के साथ सहयोग नहीं करता और हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, अलकायदा, लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता।
हाउस अप्रोप्रिएशन्स कमिटी ने वर्ष 2013 के लिए स्टेट ऐंड फॉरेन ऑपरेशन्स अप्रोप्रिएशन्स बिल जारी कर दिया। कमिटी ने एक बयान में कहा है कि विधेयक में तब तक पाकिस्तान सरकार को आर्थिक और सुरक्षा सहायता देने पर रोक लगा दी गई है, जब तक वह आतंकवाद से निपटने की कोशिशों और बाकी मुद्दों में अमेरिका के साथ सहयोग नहीं करता।
विधेयक में नियमित विवेकाधीन कोष से कुल 40.1 अरब डॉलर का प्रावधान है, जो कि पिछले साल से दो अरब डॉलर यानी पांच फीसदी कम है। कुल 208 पेज के इस विधेयक पर आज कांग्रेस की एक उप समिति विचार करेगी। विधेयक में समुद्रपारीय आपात अभियानों और आतंकवाद पर वैश्विक लड़ाई के लिए 8.2 अरब डॉलर की राशि तय की गई है। यह राशि प्रमुख देशों और बाकी युद्ध संबंधी प्रयासों में अमेरिका की भागीदारी जारी रखेगी। एक बयान में कमिटी ने कहा है कि लड़ाई की राशि समेत कुल मिला कर यह विधेयक चालू वित्त वर्ष 2012 के बजट से पांच अरब डॉलर या नौ फीसदी कम है।
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