- विजय बहुगुणा का नागपुर का खुलासा उत्तराखण्ड पहुंचा
- बहुगुणा ने कहा उनके पूर्वज मूलरूप बंगाली ब्राह्मण बनर्जी
- विजय बहुगुणा उधम सिंह नगर जनपद में बंगाली बाहुल्घ्य सीट से चुनाव लडने की तैयारी तो नहीं!
नागपुर से 29 अप्रैल (लोस सेवा) के अनुसार उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने खुलासा किया कि बहुगुणा उनका उपनाम नहीं है, बल्कि तीर्थयात्रा पर गए उनके पूर्वजों को टिहरी गढवाल के राजा द्वारा दी गई उपाधि है। उनके पूर्वज मूलरूप से बंगाली ब्राह्मण बनर्जी थे, जो ज्योतिष और आयुर्वेद के जानकार थे। उन्होंने यहां के गंभीर बीमार राजकुमार का सफल उपचार किया था। खुश होकर राजा ने उन्हें बहुगुणा की उपाधि दी। साथ ही बसने के लिए गांव भी दिया। ऐसे वे बहुगुणा हुए।
नागपुर में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा दिये गये बयान से राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। ज्ञात हो कि विजय बहुगुणा ने विधानसभा उपचुनाव लडना है। उनका बयान साफ इशारा कर रहा है कि वह उधम सिंह नगर जनपद की बंगाली बाहुल्य सीट से विधानसभा चुनाव लड सकते हैं। विजय बहुगुणा ने मैदानी क्षेत्र से विधानसभा उपचुनाव लडने की एकाएक घोषणा कर सबको चौंका सकते हैं। पहाडी क्षेत्र में उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खण्डूडी जो कि विधानसभा चुनाव में कोटद्वार से हार गए थे को उतारने की रणनीति से उनके योजनाकार चौंकाने वाली रणनीति बना रहे हैं। यह भी उनके संज्ञान में है कि टिहरी लोकसभा सीट जीतने पर उनके द्वारा देहरादून व खासतौर से मैदानी क्षेत्र से ज्यादा समर्थन की बात कहकर पर्वतीय समाज को नाखुश कर दिया था। अब उनके द्वारा नागपुर में दिया गया बयान इसी बात का द्योतक तो नहीं कि विजय बहुगुणा अपना विधानसभा उपचुनाव बंगाली बाहुल्य सीट से लडने की रणनीति तैयार कर चुके हैं, और जाने अनजाने में उनके मुंह से नागपुर में समय से पूर्व निकल गयी जबकि उनको यह बात बाद में कहनी थी।
(राजेन्द्र जोशी)
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